केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण डाकघरों के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं
नेटवर्क का हुआ लगातार विस्तार केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण डाकघरों के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डाकघरों के निजीकरण को लेकर आ रही खबरों का खंडन करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि डाकघरों के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस संबंध में कुछ कर्मचारी संघ भ्रामक बयान दे रहे है। इसके उलट सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग और सरकारी सेवाओं के प्रसार के लिए डाक नेटवर्क का उपयोग किया है। इसलिए पिछले कुछ वर्षों के दौरान डाकघरों के नेटवर्क का लगातार विस्तार हुआ है और उसमें मजबूती आई है।
विभाग ने आज यहां जारी बयान में बताया है कि सरकार ने अनियमित फंडिंग और कई प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में डाक विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के दो संघों की मान्यता रद्द कर दी है। बयान में बताया गया कि दो संघों में से एक अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ समूह सी और राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ (एनएफपीई) ने केन्द्रीय सिविल सेवा (कर्मचारी संघों की मान्यता) नियमों का कथित उल्लंघन किए जाने के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इन दो यूनियनों के खिलाफ लगाए गए आरोप स्तृत जांच के बाद सही पाए गए। इसलिए प्रक्रिया का पालन करते हुए डाक विभाग ने 25 अप्रैल,2023 से इन दो यूनियनों की मान्यता वापस ले ली है।