कम्प्यूटर कोर्स के नाम पर ठगी, कार्यालय में प्रशासन ने जड़ा ताला
रीवा कम्प्यूटर कोर्स के नाम पर ठगी, कार्यालय में प्रशासन ने जड़ा ताला
डिजिटल डेस्क, रीवा। कम्प्यूटर कोर्स के नाम पर ठगी किए जाने की शिकायत आने पर प्रशासन ने जांच शुरू की। कम्पनी प्रबंधन की ओर से कोई वैध दस्तावेज न उपलब्ध कराए जाने पर प्रशासन ने कार्यालय को सील कर दिया है। प्रशासन ने दो छात्राओं के पन्द्रह-पन्द्रह हजार रूपये कम्पनी प्रबंधन की ओर से वापस भी कराए हैं।
मंगलवार को जनसुनवाई में प्रिया कोरी द्वारा यह शिकायत की गई थी कि स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कम्पनी द्वारा पन्द्रह हजार रूपये की फीस के नाम पर ठगी की जा रही है। इस शिकायत को प्रशासन ने गंभीरता से लिया। नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला को कम्पनी कार्यालय जाकर जांच के निर्देश दिए गए। उन्होंने समान थाना पुलिस के साथ पीके स्कूल के पीछे स्थित कार्यालय जाकर जांच की। जहां कम्पनी के वैध दस्तावेज मांगे गए। लेकिन कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं कराए गए। जिस पर अग्रिम आदेश तक के लिए ताला जड़ दिया गया।
इनके पैसे हुए वापस
बुधवार को अपर कलेक्टर कार्यालय में शिकायतकर्ता प्रिया कोरी को बुलाया गया। कम्पनी के प्रबंधक को बुलाया। जिससे इस छात्रा के १५ हजार रूपये वापस कराए गए। निशा कुशवाहा द्वारा भी ऐसी ही शिकायत की गई। जिस पर उसके भी पन्द्रह हजार रूपये वापस कराए गए। अन्य शिकायतों का भी निराकरण किया जा रहा है।
मुश्किल से जुटाए थे पन्द्रह हजार
पीडि़तों ने बताया कि उन्होंने अपना भविष्य संवारने के लिए मुश्किल से पन्द्रह हजार रूपये जुटाए थे। एक छात्रा ने बारहवीं उत्तीर्ण करने पर मिलने वाले २५ हजार रूपये से ये फीस जमा की थी। इसी तरह एक छात्रा ने कम्प्यूटर कोर्स करने के लिए जीजा से उधार लिए थे।
ऐसा था फंडा
- तीन सदस्य बनाओ: कम्प्यूटर कोर्स के नाम पर पन्द्रह हजार रूपये शुल्क के रूप में जमा कराने के बाद कहा जाता था कि तीन सदस्य बनाओ।
- रसीद में कस्टमर: पन्द्रह हजार रूपये जमा करने पर जो रसीद दी जाती थी उसके स्टूडेंट की जगह कस्टमर लिखा जाता था।