12 प्लस बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन में घोर लापरवाही का मामला
सतना 12 प्लस बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन में घोर लापरवाही का मामला
डिजिटल डेस्क, सतना। १२ प्लस बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन में घोर लापरवाही सामने आने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैहर के बीएमओ डा.ज्ञानेश गौतम और अमदरा की मेडिकल आफीसर डा.रितु सिंह को कारण बताओ नोटिस देकर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.एके अवधिया ने जानना चाहा है कि क्यों न इन दोनों के २-२ इंक्रीमेंट रोकने के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेज दिए जाएं। इन दोनों को जवाब के लिए ३ दिन की मोहलत दी गई है। उल्लेखनीय है, अमदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में २४ मार्च को वैक्सीनेशन के दौरान १२ से १४ वर्ष के तकरीबन एक दर्जन बच्चों की तबियत बिगड़ी उस वक्त बीएमओ डा.ज्ञानेश गौतम और मेडिकल आफीसर डा.रितु सिंह अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। सीएमएचओ के मुताबिक इस घटना के बाद भी बीएमओ ने अमदरा अस्पताल पहुंचने की जरुरत नहीं समझी। बताया गया है कि अमदरा अस्पताल के ड्यूटी स्टाफ ने बच्चों की तबियत बिगडऩे की सबसे पहले फोन पर खबर बीएमओ को ही दी थी,लेकिन बीएमओ का फोन रिसीव नहीं हुआ।
औचक निरीक्षण में भी नहीं मिले:----
कारण बताओ नोटिस से स्पष्ट है कि अगले दिन यानि शुक्रवार को भी सीएमएचओ के औचक निरीक्षण के दौरान बीएमओ डा. ज्ञानेश गौतम कहीं भी भ्रमण पर नहीं मिले। मेडिकल आफीसर डा. रितु सिंह भी ड्यूटी से गायब थीं। इनके खिलाफ निर्धारित समय पर अस्पताल नहीं आने की तमाम जन शिकायतें पहले से भी हैं।
कत्र्तव्य के प्रति अरुचि एवं लापरवाही, वरिष्ठ अफसरों के आदेशों की अवहेलना
और बिना पूर्व स्वीकृत अवकाश के अनुपस्थित रहने के इन कृत्यों को सीएमएचओ ने गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजे जाने की चेतावनी भी दी है।
तीनों बालिकाएं स्वस्थ, आज मिलेगी छुट्टी :----
इसी बीच जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. सुनील कारखुर ने बताया कि मैहर सिविल अस्पताल से बीती रात यहां पीकू में शिफ्ट की गईं तीनों बालिकाएं पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। एहतियात के तौर पर इन तीनों को २४ घंटे की मेडिकल निगरानी में रखा गया है। इन्हें २६ मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह, जिला टीकाकरण अधिकारी डा.चरण सिंह, डीएचओ डा. विजय आरेख और जिला क्रीड़ा अधिकारी मीना त्रिपाठी ने भी जिला अस्पताल पहुंच कर तीनों बालिकाओं की कुशल क्षेम ली।