मन्दसौर: अनुमति लेने वाले सभी कार्य अनुमति के पश्चात ही करें, प्रेक्षक नायडू 10 हजार से अधिक कैश ट्रांजैक्शन ना करें

मन्दसौर: अनुमति लेने वाले सभी कार्य अनुमति के पश्चात ही करें, प्रेक्षक नायडू 10 हजार से अधिक कैश ट्रांजैक्शन ना करें

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-20 09:09 GMT
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डिजिटल डेस्क, मन्दसौर। मन्दसौर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनोज पुष्प ने जनपद पंचायत सीतामऊ स्थित सभाकक्ष में शाम 6 बजे राजनीतिक दलों के साथ स्टैंडिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। सभी राजनीतिक दलों की बैठक आयोजित कर नाम वापसी के अगले दिन से लेकर 3 नवम्बर अर्थात मतदान दिवस तक निर्वाचन गतिविधियों के बारे में राजनीतिक दलों को अवगत कराया। सभी राजनीतिक दल मॉडल कोड आफ कंडक्ट का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। निर्वाचन के दौरान ऐसे कार्य जो अनुमति के पश्चात किये जाते हैं। अनुमति लेने के पश्चात ही कार्य को पूर्ण करें। बिना अनुमति के कोई भी कार्य न करें 10 हजार से अधिक कोई भी केस ट्रांजैक्शन ना करें। निष्पक्ष रुप से चुनाव संपन्न कराएं। अगर किसी व्यक्ति या अभ्यर्थियों को कोई समस्या है, तो तुरंत जिला निर्वाचन अधिकारी या प्रेक्षक को सूचित करें। किसी प्रकार के नियमों का उल्लंघन ना करें। बैठक के दौरान व्यय प्रेक्षक श्री सरोज कुमार, सामान्य प्रेक्षक श्री टी बाबूराव नायडू, पुलिस प्रेक्षक श्री पंकज देशमुख, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनोज पुष्प, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ चौधरी, सीईओ जिला पंचायत श्री ऋषभ गुप्ता, अपर कलेक्टर श्री बीएल कोचले, विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर सहित सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक के दौरान सभी राजनीतिक दलों को बताया गया कि सुवासरा क्षेत्र से कुल 388 मतदान केंद्र निर्धारित किये गए है। मतदान केंद्र पर सभी प्रकार की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। दिव्यांग मतदाता, महिला मतदाता जिनको वाहन की आवश्यकता होगी, उनके लिए वाहन की व्यवस्था होगी। क्रिटिकल मतदान केंद्रों के लिए वेब कमरे की व्यवस्था रहेगी। नाम वापसी के पश्चात से अब इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि सभा व जुलूस के लिए अनुमति लेकर ही कार्य करें। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सुबह 6 से शाम रात 10 बजे तक इस्तेमाल कर सकते हैं। रात 10 बजे से शाम 6 बजे तक के पश्चात पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल ना करें। यातायात प्रभावित न हो इसकी समुचित व्यवस्था पर ध्यान देवे। चुनाव रैली आयोजित करने से पूर्व पुलिस को इसकी सूचना प्रदान करें। संपूर्ण क्षेत्र के लिए वाहनों की अनुमति रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रदान की जाएगी। मतदान के दिन मतदान केंद्र पर पानी पिलाना रिश्वत की श्रेणी में नहीं माना जाएगा। लेकिन इसके खर्च को अभ्यर्थी के खातों में जोड़ा जाएगा। सभी का ध्यान इंगित करते हुवे कहा कि आरपी एक्ट 1951 की धारा 127 A में यह प्रावधान है कि निर्वाचन विज्ञापन हेतु प्रिंट किए जाने वाली पंपलेट, हैंड बिल, पोस्टर या अदर डॉक्यूमेंट में प्रकाशक और मुद्रका नाम एवं पता अंकित होना अनिवार्य है। उल्लंघन होने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 A के तहत 2 वर्ष का कारावास अथवा 2 हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया राजनीतिक विज्ञापनों को बिना प्रमाणीकरण के प्रकाशित नहीं कर सकती है। केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 के अंतर्गत अधिनियम के प्रावधान किसी भी केबल ऑपरेटर द्वारा उल्लंघन किए जाने पर अधिनियम की धारा 12 के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में उपकरण जप्त करने के लिए प्रदान करती है इसी प्रकार अधिनियम की धारा 13 उपकरण और सजा दोनों से दंडित करने के लिए उपबंधित करती है। प्रिंट मीडिया को मतदान के 48 घंटे पूर्व विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति से प्रमाणन की आवश्यकता होगी। बिना प्रमाणन के प्रिंट मीडिया विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकता है। इसके साथ ही प्रिंट मीडिया में विज्ञापन (विज्ञापन हेतु अभ्यर्थी की अनुमति है तो निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा यदि सहमति नहीं है तो 171 H (आईपीसी) के तहत प्रकाशक के विरुद्ध अभियोजन किया जा सकता है) भारतीय दंड संहिता की धारा 171 H के अनुसार चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी की अनुमति के बिना विज्ञापनो पर किया जाने वाले व्यय निषेध है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर मतदान के 48 घंटे पूर्व से चुनाव प्रचार पर पुर्ण प्रतिबंध रहेगा। आरपी अधिनियम 1951 धारा 126 के तहत किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के समापन के आखिरी 48 घंटे की अवधि के दौरान टेलीविजन या इसी तरह के उपकरण के माध्यम से किसी भी चुनाव मामले को प्रसारित करने पर रोक लगाती हैं। धारा 126 के उपयुक्त प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 2 साल की अवधि कारावास या दंड अथवा दोनों किया जा सकता है।

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