52 साल बाद जानेमाने डॉक्टर पहुंचे अपने कॉलेज और बीते दिनों की यादें की ताजा
नागपुर 52 साल बाद जानेमाने डॉक्टर पहुंचे अपने कॉलेज और बीते दिनों की यादें की ताजा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपने कॉलेज के दिन और दोस्तों को कोई भूल नहीं सकता। अच्छे दोस्त कितने भी दूर क्यों न हों, याद जरूर आते हैं। किसी शायर ने लिखा है कि कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी, मेरी हर ख़ुशी तेरे नाम होगी, कभी मांग कर तो देख हमसे ए दोस्त, होंठो पर हसीं और हथेली पर जान होगी। कुछ इसी तरह के जज्बात लिए श्री मथुरादास मोहता साइंस कॉलेज के स्टूडेंट्स एक दूसरे के साथ बरसों बाद मिले और मिले भी ऐसे की पुरानी यादें ताजा हुई, किसी का दिल भर आया, किसी की खुशी का ठिकाना नहीं था।
स्मृति चिन्ह, शॉल, श्रीफल और गुलदस्ता देकर नागपुर शिक्षण मंडल के अध्यक्ष मोहित डी. शाह और सचिव डॉ. हरीश राठी का स्वागत किया गया। डॉक्टर बोधनकर ने बताया कि हम इन शिक्षकों के आभारी हैं कि उन्होंने 85 से 92 वर्ष की आयु में भारी बारिश के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होकर हमें आशिर्वाद दिया है। प्रो. डॉ. बी.एम. मुऱ्हार, प्रो. डॉ. के डी गोमकाले, प्रो. अनिरुद्ध मुरकुटे, डॉ. दत्तात्रेय काठीकर, प्रो. दिनकराव के. बंगाले, प्रो. प्रदीप परांजपे, प्रो. प्रभा टकले जोग, उपस्थित थे । इन्हे सम्मानित किया गया। वाइस प्रिंसिपल डॉ. प्रो. साहा मैडम ने पूर्व छात्रों के आने पर खुशी जताई। पूर्व छात्रों ने महाविद्यालय को 51 हजार रुपए भेंट स्वरूप दिए। महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
महाराज बाग क्लब में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जानेमाने डॉ चंद्रशेखर देवपुजरी (न्यूरोसर्जन), डॉ विलास डांगरे (होम्योपैथ), डॉ उदय बोधनकर (बाल विशेषज्ञ और अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व), डॉ राम थोम्बरे (डेंटल कॉलेज के डीन / निदेशक), डॉ सुरेश गुप्ता (निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं), डॉ शशिकांत गणेशपुरी (नेत्र रोग विशेषज्ञ) डॉ सुरेश गुप्ता पूर्व डीडीएचएस, डॉ हेमंत, डॉ. अर्चना जोशी (मानवता सेवाओं की बेहतरी के लिए हार्ड कोर वर्कर) डॉ. सुधीर मांगरुलकर (फिजियोथेरेपिस्ट और उत्कृष्ट फोटोमैगेशियन), प्रो. विट्ठल डंभारे और प्रो. विनोद बोरगांवकर खास तौर से शामिल हुए। उनके अलावा शिक्षक उत्कृष्टता, प्रो अविनाश सेनाड, प्राचार्य, अधिवक्ता प्रकाश शेंड्रे, प्रसिद्ध कवि अनिल शेंडे, श्री प्रदीप पांडे, मानव संसाधन निदेशक, दुबई, जो विशेष रूप से समारोह के लिए संतरानगरी आए थे, श्री विनोद येस्कडे (एसीपी-सेवानिवृत्त), श्री सदानंद निमकर, कई बैंक अधिकारी / एलआईसी अधिकारी सहित पूर्व छात्रों ने शिरकत की।
मानव संसाधन विकास क्षेत्र में चिकित्सा, दंत चिकित्सा, कानून, प्रोफेसरों / शिक्षकों, फिजियोथेरेपी, होम्योपैथी, शोधकर्ताओं, शिक्षाविद, फार्मासिस्ट के क्षेत्र में दिग्गजों ने समाज के लिए की कदम उठाए, जैसे जैसे नई तकनीक देश में आई, उसका लाभ मरीजों तक पहुंचा, यही कारण है कि उपराजधानी का नया चेहरा मेडिकल हब के रूप में नजर आने लगा है।
जाने माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बोधनकर ने भास्कर हिन्दी डाट कॉम को बताया कि यह क्षण बेहद यादगार थे, जब पुराने स्टूडेंट्स और वर्तमान के अच्छे डॉक्टर साथी एक मंच पर आए और अनुभव बांटे।
खास बात है कि साल 1969 और 1970 बैच के वो छात्र आज चिकित्सा जगत में दुनियाभर में अपना डंका बजा रहे हैं। 52 साल बाद ऐतिहासिक पुनर्मिलन के दौरान मोहता संमित्र परिवार ने 92 से अधिक सदस्यों के व्हाट्स ऐप समूह के सदस्यों का स्वागत किया।