जल संसाधन विभाग में 40 लाख का गोलमाल, शिकायत को फर्जी बताकर कर दी जांच की खाना खानापूर्ति
जल संसाधन विभाग में 40 लाख का गोलमाल, शिकायत को फर्जी बताकर कर दी जांच की खाना खानापूर्ति
डिजिटल डेस्क,कटनी। नहरों और जलाशयों की मरम्मत में करीब चालीस लाख रुपए की फर्जीवाड़ा करने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारी जांच टीम को गुमराह करने में सफल रहे। जांच टीम के सदस्यों को कटनी के अधिकारियों ने 263 बिलों में से महज दो बिलों का ही भौतिक सत्यापन कराते हुए उसी बांध में लेकर गए। जहां पर अपना गर्दन बचाने के लिए पहले से ही पटकथा लिख कर तैयार कर ली थी। गुरुवार और शुक्रवार को छिंदवाड़ा जलसंसाधन विभाग के एसई डीके मिश्रा जांच में रहे। दो दिनों के अंतराल में इन्होंने कई बिंदुओं पर जांच की। जांच के बाद एसई ने बताया कि उस समय आचार संहिता के चलते इस तरह की स्थिति बनीं रही कि जब एक ही ठेकेदार से कई काम कराने पड़े। जांच रिपोर्ट वे उच्चाधिकारियों को सौंपेगे।
बिना सत्यापन देयकों का भुगतान
चहेते ठेकेदार के माध्यम से जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने लाखों का खेल कर डाला। 5 सितम्बर 2018 से लेकर 20 मार्च 2019 तक 263 बिलों के माध्यम से भौतिक सत्यापन किए बगैर लाखों रुपए का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया। भुगतान के बाद नहरों और जलाशयों में काम नहीं होने की मौखिक शिकायत ग्रामीणों ने जल उपभोक्ता संथा के सदस्यों से कही। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा, और इसकी शिकायत प्रमुख सचिव तक से की गई।
आचार संहिता का रहा बहाना
एक ही ठेकेदार को लाखों रुपए के भुगतान के मामले में कटनी के अधिकारियों ने आचार संहिता का बहाना जांच अधिकारियों को बता दिया। ईई और उनकी फौज का यह कहना रहा कि नहरों और जलाशयों की मरम्मत के लिए वे समय का इंतजार नहीं कर सकते थे। जिसके चलते यह प्रक्रिया अपनानी पड़ी। जिससे की जलाशयों और नहरों में मरम्मत का कर्य किया जा सके।
एडवांस राशि लेने का आरोप
अधिकारियों के ऊपर एडवांस में राशि लेने का भी आरोप रहा। इस संबंध में जल उपभोक्ता संथा पौड़ी के अध्यक्ष गजराज सिंह पटेल ने कलेक्टर ओर विभागीय अधिकारियों से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि नहरों के रख-रखाव के लिए जो राशि जल उपभोक्ता संथा को प्राप्त होती है। उसमें तीस प्रतिशत एडवांस राशि का खेल किया जा रहा है।
इनका कहना है
जलसंसाधन विभाग कटनी में नहर और जलाशयों की मरम्मत में लाखों रुपए के गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। गुरुवार और शुक्रवार को शिकायत की जांच की गई, जिसमें एक ही ठेकेदार को पीस ऑफ वर्क के नाम से सैकड़ों काम दिए गए। दो जगहों में मौके पर निरीक्षण किया गया, वहां पर काम की स्थिति ठीक मिली। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी।- डी.के.मिश्रा, अधीक्षण यंत्री जलसंसाधन विभाग छिंदवाड़ा
यह शिकायत पूरी तरह से फर्जी है। इसमें जिसने शिकायत दर्ज कराई है। उस नाम का व्यक्ति दिए गए पते पर नहीं है। शिकायत तो होती रहती है। इसमें नई बात कुछ नहीं है।
- आर.के.खुराना, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग कटनी