कटनी के 13 हजार मजदूरों की होगी वापसी, रेड जोन ने बढ़ाई प्रशासन की धडकऩें
कटनी के 13 हजार मजदूरों की होगी वापसी, रेड जोन ने बढ़ाई प्रशासन की धडकऩें
डिजिटल डेस्क कटनी । अन्य राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों को वापस लाने मुख्यमंत्री की घोषणा पर जिला स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई। कटनी जिले के 13 हजार से अधिक मजदूरों की घर वापसी का रास्ता तो साफ हो गया लेकिन रेड जोन के मजदूरों ने प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है। अभी कटनी ग्रीन जोन में है। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पुणे, मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद हॉट स्पॉट बने हुए हैं और सबसे ज्यादा मजदूर इन्ही स्थानों में फंसे हैं। अकेले पुणे से ही लगभग डेढ़ हजार मजदूरों की वापसी होना है। प्रशासन के पास पहुंची सूचनाओं के अनुसार सोमवार सुबह तक 13341 मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हैं। जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार
महाराष्ट्र में 4706, गुजरात में 3127, तेलंगाना में 650, उत्तरप्रदेश में 450, तमिलनाडू में 250, राजस्थान में 750, हरियाणा में 1180, कर्नाटक में 300 लोग फंसे हैं।
25 हजार की वापसी
लॉक डाउन के बाद जिले में प्रवासी मजदूरों की लगातार वापसी हो चुकी है। अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों की वापसी तो अब सरकार के रहमोकरम पर निर्भर है लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों से हर दिन सैकड़ों मजदूर लौट रहे हैं। अब तक जिले में 25 हजार से अधिक मजदूर वापस आ चुके हैं।
बार्डर पर बढ़ी सख्ती
जिले की सीमाओं पर अब सख्ती बढ़ा दी गई है। पड़ोसी जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मामले सामने आने पर बाहर से आने वाले मजदूरों की चैकपोस्ट में ही स्क्रीनिंग की जा रही है, उसके बाद ही आगे जाने दिया गया। सोमवार को झाबुआ से आए उमरियापान के मजदूरोंं का पीरबाबा बायापास पर बने चैकपोस्ट में स्वास्थ्य कराया एवं भोजन वितरित कर घर जाने दिया गया।
फैक्ट फाइल
इनका कहना है
दूसरे राज्यों में जिले के 13 हजार से अधिक मजदूर फंसे है, इसकी जानकारी प्रदेश शासन को भेज दी गई है। रेड जोन से आने वाले मजदूरों को क्वारेंटाइन करने को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। ऐसे मजदूरों को घरों या हॉस्टल में ठहराया जाएगा, इसको लेकर शासन से भी मार्गदर्शन मांगा गया है।
- जगदीशचंद गोमे, सीईओ जिपं