New Delhi News: कार्यबल को सशक्त बनाने टाटा प्रोजेक्ट्स ने शुरू किए दो कार्यक्रम, जानिए क्या है खास
- ‘स्किल शक्ति’ और ‘निर्माण नायक’ के माध्यम से सशक्त बनेंगे श्रमिक
- यह निर्माण उद्योग के भविष्य में निवेश है - सिंह
New Delhi News : टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने अपने कार्यबल को सशक्त बनाने और उद्योग के भीतर टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्रमिकों के कौशन उन्नयन से जुड़ी दो पहलों ‘स्किल शक्ति’ और ‘निर्माण नायक’ की शुरूआत की है। ये पहलें निर्माण उद्योग विकास परिषद (सीआईडीसी) की साझेदारी के साथ प्रारंभ हुई है। टाटा प्रोजेक्ट्स ने देश में पहली बार ‘निर्माण नायक’ जैसा कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत वैसे श्रमिकों को लिया जाता है जो 12वीं पास हैं और जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम है। सीआईडीसी की मदद से ‘निर्माण नायक’ के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स ने फिलहाल 151 श्रमिकों का चयन किया है और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए 29 प्रोफेसर्स ऑफ प्रैक्टिस की नियुक्ति की गई है। इस कार्यक्रम पर खर्च तीन वर्षों के लिए प्रति व्यक्ति 1,33,000 है, जो टाटा प्रोजेक्ट्स वहन करती है। इसी प्रकार स्किल शक्ति के तहत 2,752 श्रमिकों का चयन किया गया है। कंपनी में कार्यरत इन श्रमिकों को अलग से कक्षाएं लेकर इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रमों के पूरा होने पर प्रतिभागियों को सीआईडीसी और कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा डिप्लोमा और डिग्री प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। टीपीएल के महाप्रबंधक, एचआर देवेन मोये कहते हैं कि हमारा लक्ष्य अकुशल कार्यबल को कुशल पेशेवरों में परिवर्तित करना है।
यह निर्माण उद्योग के भविष्य में निवेश है : सिंह
टाटा प्रोजेक्ट्स के सीएचआरओ रितेश प्रताप सिंह ने कहा कि हम ‘फ्रंटलाइन वर्कफोर्स अपस्किलिंग प्रोग्राम’ के जरिए न केवल अपने कर्मचारियों में निवेश कर रहे हैं, बल्कि यह निर्माण उद्योग के भविष्य में निवेश कर रहे हैं और यह उनके पेशेवर विकास तथा कल्याण की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सीआईडीसी के महानिदेशक डॉ पीआर स्वरूप ने कहा कि टाटा प्रोजेक्ट्स और सीआईडीसी के बीच यह गठजोड़ निर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। श्रमिकों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस कर, हम न केवल उनका व्यक्तिगत करियर बेहतर बना रहे हैं, बल्कि उद्योग में गुणवत्ता और दक्षता के लिए नए मानक भी स्थापित कर रहे हैं।