मांग: दिल्ली में पेट्रोल बाइक टैक्सी पर लगा प्रतिबंध हटे - बाइक टैक्सी यूनियन
- परिवहन मंत्री से कहा - ई-बाइक की कीमत 50 प्रतिशत ज्यादा है
- दिल्ली में पेट्रोल बाइक टैक्सी पर लगा प्रतिबंध हटे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. बाइक टैक्सी यूनियन ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से राजधानी दिल्ली में पेट्रोल बाइक टैक्सी पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की है। अपना बाइक टैक्सी एसोसिएशन ने परिवहन मंत्री को लिखे पत्र में हालिया केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के उस एडवाइजरी की ओर ध्यान इंगित किया है, जिसने मोटर वाहन (एमवी)अधिनियम, 1988 की धारा 2(7) के तहत मोटरसाइकिलों के वर्गीकरण को ‘कॉन्ट्रैक्ट कैरिज’ के रूप में मान्यता दी है। साथ ही राज्यों को उनके लिए परमिट की प्रोसेसिंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
दरअसल दिल्ली में पिछले साल नवंबर 2023 में जारी एमवी एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना के तहत बाइक टैक्सियों को रातों-रात इलेक्ट्रिक वाहनो में परिवर्तित होने या बंद करने का आदेश दिया गया था। लेकिन डिलीवरी ड्राइवरों को स्विच करने के लिए अधिक समय दिया गया था। एसोसिएशन को लगता है कि यह अन्यायपूर्ण है, क्योंकि डिलीवरी यात्राओं में बाइक टैक्सी से अधिक प्रदूषण होता है।
यूनियन के अध्यक्ष अरेंदर सिंह की आेर से लिखे पत्र में उदारता यानी ‘लिनिएंसी’ का मुद्दा उठाया गया है, जो सेम पेट्रोल बाइक का उपयोग करते हैं। अपना बाइक टैक्सी एसोसएशन ने डिलीवरी ड्राइवरों के साथ समान अधिकार की मांग की है और अंतरिम रूप से आईसीई बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति मांगी है।
डिलीवरी ड्राइवरों से हो समान व्यवहार
डिलीवरी ड्राइवरों की मांग है कि उनके साथ एक समान व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बाइक टैक्सी ड्राइवरों के लिए इलेक्ट्रिक बाइक में स्विच करना थोड़ा कठिन है। इलेक्ट्रिक बाइक महंगे होते हैं और उन्हें चार्ज करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। भारत में ई-बाइक कीमत में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। इसलिए चार्जिंग स्टेशन की कमी और चार्जिंग में समय लगने के कारण बाइक टैक्सी चालकों ेकी कमाई पर असर पड़ रहा है। बहुत सारी ट्रिप लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए होती है, जिससे वे कमाई नहीं कर पा रहे हैं।