आम यात्रियों के बजट से बाहर हो रहीं रेल गाड़ियां - तेजी से कम हो रहीं स्लीपर बोगियां
- जेब पर भारी पड़ रहा किराया
- आम यात्रियों के बजट से बाहर हो रहीं रेल गाड़ियां
- कम हो रहीं स्लीपर बोगियां
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों से स्लीपर बोगियां कम रही है। पहले एक गाड़ी में 10 से 12 स्लीपर के कोच होते थे, लेकिन अब इन्हें कम कर 7 से 8 कर दिया गया है। इससे मजबूरी में यात्रियों को वातानुकूलित बोगियों में सफर करना पड़ रहा है। इससे यात्रियों की जेब पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
जेब पर भारी पड़ रहा किराया
गाड़ियों में जनरल, स्लीपर एवं एसी तीन श्रेणी की बोगियां होती हैं। श्रेणी के अनुसार सबका किराया तय होता है। जनरल कोच का किराया सबसे कम होता है और इसमें आरक्षित टिकट की जरूरत नहीं होती है। यात्री आसानी से सस्ता टिकट खरीदकर सफर कर सकते हैं। स्लीपर बोगी में आरक्षित टिकट के साथ यात्रा करना पड़ता है। इसका किराया जनरल से ज्यादा होता है। इसमें ज्यादातर लोग सफर करना पसंद करते हैं। पहले 11 से 12 स्लीपर की बोगियां रहने से लोगों को टिकट मिलने में आसानी होती थी। जबसे इन बोगियों को कम किया जाने लगा है, तबसे लोगों को स्लीपर कोच का कन्फर्म टिकट बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। मजबूरी में एसी कोच में सफर करना पड़ रहा, जिसमें किराया ज्यादा देना पड़ रहा है।