लापरवाही: बिना लाइसेंस धड़ाधड़ शुरू हो रही चाय की दुकानें एफडीए की पहुंच से बहुत दूर
- हर पांच दुकान के बाद चाय की नई दुकान दिख रही
- चाय के साथ बिस्कुट और मैगी भी बेच रहे
- अन्न व औषधि विभाग की ओर से लाइसेंस लेना होता है जरूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केवल खाद्य पदार्थों की दुकानें ही नहीं, बल्कि चाय बेचने के लिए भी लाइसेंस की जरूरत होती है, जो अन्न व औषधि विभाग की ओर से लेना पड़ता है। लेकिन शहर में कई ऐसे चाय वाले हैं, जिन्होंने चाय की बड़ी दुकान खोलने के बाद भी लाइसेंस नहीं लिया है। हद तो यह कि यह दुकानें एफडीए की पहुंच से दूर हैं। एफडीए भी किसी तरह की मुहिम इनके खिलाफ चलाकर लाइसेंस आदि चेक करने की जहमत नहीं उठाती। चाय बेचने वालों के हौसले बुलंद हैं। चाय में मिलावटखोरी का प्रमाण बढ़ सकता है। असुरक्षित चाय भी बेचने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कोई खौफ नहीं, धड़ल्ले से बिक्री : 1 अप्रैल से 31 जनवरी तक संबंधित विभाग ने नागपुर विभाग अंतर्गत विभिन्न खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कार्रवाई की है। नागपुर शहर में 50 के करीब और नागपुर ग्रामीण में भी 50 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं। हालांकि अब तक चाय की दुकानों पर विभाग ने स्वतंत्र रूप से कार्रवाई नहीं की है। कुछ वर्ष पहले पुणे में एक प्रतिष्ठित चाय की दुकान पर कार्रवाई की बात सामने आई थी। चाय में शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला पदार्थ मिलाने की बात सामने आई थी। इससे यह बात तो साफ हो रही है कि चाय में भी मिलावटखोरी व असुरक्षा पाई जा सकती है। बावजूद इसके विभाग द्वारा जगह-जगह चाय की दुकान लगाने वालों पर नजर नहीं रखी जा रही है। वर्तमान में हर पांच दुकान के बाद चाय की नई दुकान दिख रही है, जिसमें लोग बिस्कुट आदि के साथ मैगी भी बनाकर बेच रहे हैं। इन्हें किसी तरह के नियमों का खौफ नहीं है।
न ब्योरा, न कार्रवाई : खान-पान के संबंध में किसी भी तरह की दुकान लगाने पर अन्न व औषधि विभाग की ओर से लाइसेंस लेना जरूरी है, ताकि विभाग के पास इनका स्वतंत्र रिकॉर्ड रहे और समय-समय पर इनकी जांच होती रहे, लेकिन नागपुर शहर में मौजूद हजारों चाय वालों की स्वतंत्र रूप से एफडीए में पंजीयन नहीं है। ऐसे में चाय में इस्तेमाल किया जाने वाला दूध, चायपत्ती व पानी का दर्जा जांच से परे हैं। खान-पान में एफडीए द्वारा लगातार छापामार कार्रवाई की जाती है। खाद्य पदार्थ के नमूने लेकर इसकी जांच भी की जाती है।
बढ़ रहा है, ट्रेंड : शहर में दिन ब दिन मुनाफे को देख चाय बेचने वालों की संख्या बढ़ रही है। केवल चाय टपरी ही नहीं, चाय बेचने के लिए शोरूम तक खोले जा रहे हैं। बावजूद इसके इनके बारे में अन्न व औषधि विभाग के पास किसी तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं रहना समझ से परे है।