अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों की मांगों पर प्रशासन गंभीर
जिलाधिकारी कटियार ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मुंबई स्थित मंत्रालय में मोर्शी के अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्त किसानों ने मंत्रालय की इमारत से नीचे जाली पर छलांग लगाकर अनोखा आंदोलन किया। प्रकल्पग्रस्तों की मांगें पिछले कई सालों से लंबित हैं। सरकार इन मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिसके चलते प्रकल्पग्रस्तों ने मंगलवार को मंुबई में आंदोलन किया। जिस पर जिलाधिकारी सौरभ कटियार ने बुधवार को अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों की मांगों पर प्रशासन सकारात्मक भूमिका अपना रहा है, ऐसी जानकारी दी। अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्तों ने विविध मांगों के संदर्भ में 19 मई 2023 से मोर्शी में आत्मक्लेश आंदोलन शुरु किया था।
आंदोलन को उपजिलाधिकारी पुनर्वसन, उपविभागीय अधिकारी व तहसीलदार ने भेंट देकर उनकी मांगों को समझकर आंदोलन छोड़ने को कहा। इस विषय पर आंदोलनकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की तथा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आंदोलनकारी व संबंधित अधिकारियों के साथ 6 जुलाई को जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक में चर्चा कर 7 जुलाई को प्रकल्पग्रस्तों की मांगों का पत्र सरकार को भेजा गया था। जिला सरकार द्वारा प्रकल्पग्रस्तों की मांगों की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। सरकार को भी प्रकल्पग्रस्तों की मांगों से अवगत कराया गया है।
प्रकल्पग्रस्तों की मांगें
प्रकल्पग्रस्ताें को लाभक्षेत्र व अन्य जगह जमीन दी जाए, प्रकल्पग्रस्त प्रमाणपत्रधारकों को 5 फीसदी समांतर आरक्षण की मर्यादा बढ़ाकर वह 15 फीसदी करें। एकमुश्त 20 लाख रुपए सानुग्रह अनुदान दें। कुछ प्रकल्पग्रस्तों को पोस्ट के द्वारा प्रकल्पग्रस्त प्रमाणपत्र भेजे गए थे, लेकिन वह उन्हें मिले नहीं, जिन प्रकल्पग्रस्तों को प्रमाणपत्र नहीं मिले है, उन्हें प्रमाणपत्र वितरित करें, प्रकल्प के लिए संपादित की गई अतिरिक्त जमीन प्रकल्पग्रस्तों को वितरित करें, जैसी मांगें प्रकल्पग्रस्तों की है।