नागपुर: चुनाव परिणाम की समीक्षा- विदर्भ में डीएमके फैक्टर ने किया नुकसान, भाजपा में मंथन
- लोकसभा क्षेत्र स्तर पर चुनाव परिणाम की होगी समीक्षा
- 65 प्रतिशत कार्य कागजी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए विदर्भ डीएमके फैक्टर नुकसानदायक रहा। नुकसान के विविध पहलुओं की पड़ताल होगी। बूथ प्रबंधन पूरी तरह विफल रहा है। संबंधित पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। लोकसभा की 10 सीटों पर चुनाव कार्य की समीक्षा होगी। इसके लिए समीक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के परिणामों पर चर्चा के लिए प्रदेश भाजपा की बैठक मुंबई में हुई। शुक्रवार व शनिवार को बैठक में शहर व जिला अध्यक्षों के अलावा प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे। भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने मार्गदर्शन किया। बैठक में विदर्भ से कुछ जिलों के अध्यक्ष नहीं पहुंच पाए थे।
नैरेटिव फैलाया गया
विदर्भ के मामले में बताया गया कि ‘डीएमके’ फैक्टर प्रभावी रहा। डीएमके अर्थात दलित-मुस्लिम व कुनबी। सोशल मीडिया व प्रचार के मामले में आगे रहने के बाद भी विपक्ष के प्रचार का सही जवाब नहीं दे पाने पर अफसोस जताया गया। कहा गया कि चुनाव के समय भाजपा को लेकर संविधान सहित विविध विषयों पर नैरेटिव फैलाया गया, लेकिन भाजपा की ओर से उनका जवाब नहीं दिया गया। बूथ स्तर पर पेज प्रमुख की व्यवस्था की गई थी। लेकिन स्थिति यह रही कि कई मतदान केंद्र से मतदाताओं को वापस आना पड़ा।
65 प्रतिशत कार्य कागजी
बूथ प्रबंधन के मामले में पार्टी ने केंद्रीय स्तर से निगरानी की व्यवस्था की थी। बूथ स्तर पर मतदाताओं के नाम, कार्य, राजनीतिक जुड़ाव के अलावा फोन क्रमांक संकलित किया गया। आरंभिक समीक्षा में बात सामने आई कि बूथ प्रबंधन व पेज प्रमुखों के दायित्व संबंधी कार्य की रिपोर्ट 65 प्रतिशत कागजी रही। कार्यकर्ता व मतदाताओं से संपर्क ही नहीं किया गया। यही नहीं चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं से चुनाव तैयारी के विविध कार्य कराए गए। डिजिटल बैठकें कराई गईं। योजनाओं के प्रचार के अलावा अन्य कार्यों में कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही, लेकिन चुनाव के समय कार्यकर्ताओं के काम की निगरानी ही नहीं की गई।
ऐसी है योजना
मतदाता सूची संबंंधी अड़चनों के मामलों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री भागवत कराड़ की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। जिला व लोकसभा स्तर पर भाजपा के चुनाव कार्य की समीक्षा होगी। इसके लिए भेजे जाने वाले समीक्षक 3 दिन तक संबंधित क्षेत्र में रहेंगे। जिला, विधानसभा क्षेत्र व वार्ड स्तर तक चुनाव कार्य की समीक्षा की जाएगी।