एफडीए की इमारत में फर्नीचर के लिए फंड की दरकार
10 करोड़ से अधिक खर्च, फिर भी काम अधूरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. अन्न व औषधि प्रशासन के लिए पृथक इमारत का निर्माणकार्य विगत जनवरी 2019 से शुरू है। शासन द्वारा अब तक इस निर्माण कार्य पर 10 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। सिविल कंस्ट्रक्शन का ठेका दिव्या कंस्ट्रक्शन को दिया गया था। ठेके के मुताबिक 6 करोड़ 36 लाख 73 हजार 754 रुपए खर्च कर इमारत तैयार करनी थी। इमारत में फर्नीचर की व्यवस्था करने तथा अत्याधुनिक प्रयोगशाला तैयार करने के लिए फंड की दरकार है। फंड उपलब्ध नहीं हो पा रहा जिसकी वजह से अन्न व औषधि प्रशासन का कार्यालय नई इमारत में स्थानांतरित नहीं हो पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक लोकनिर्माण विभाग द्वारा शासन से फंड की मांग की गई है। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इमारत निर्माण, विद्युतीकरण व फर्नीचर पर कुल 16 कराेड़ खर्च होने हैं। इमारत तो तैयार हो गई, लेकिन अन्य व्यवस्था नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से यह प्रकल्प अटका हुआ है।
औषधि के 2 हजार नमूनों की जांच की व्यवस्था होगी
इस छह मंजिला इमारत में पार्किंग, ग्रीन बिल्डिंग, सौर ऊर्जा पर आधारित प्रकाश व्यवस्था, परिसर में लैंडस्केप किया जाएगा। तत्कालीन राज्यमंत्री मदन येरावार ने कहा था कि, जनता को ठोस, शुद्ध व मिलावट रहित खाद्य मिले, इसलिए राज्य की यह तीसरी अपडेट प्रयोगशाला होगी। इस प्रयोगशाला में पांच हजार खाद्य व दो हजार आषधि के नमूनों की जांच करने की व्यवस्था होगी।
अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनानी है नागरिकों को शुद्ध व मिलावट रहित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो तथा मिलावटी पदार्थों की जांच की जा सके, इसके लिए अन्न व औषधि प्रशासन की इस 6 मंजिला इमारत में अत्याधुनिक प्रयोगशाला तैयार करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल यह प्रयोगशाल ओंेकार नगर की एक किराए की इमारत में संचालित हो रही है। इस किराए की इमारत में संचालित प्रयाोगशाला से शासन को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस प्रयोगशाला का प्रतिमाह किराया सवा लाख रुपए है। दूसरी ओर वर्तमान प्रयोगशाला अत्याधुनिक नहीं होने के कारण बाजार में बेचे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच भी सटीक तरीके से नहीं हो पा रही है।