Nagpur News: नागपुर एयरपोर्ट के संचालन से जुड़े मामले में केंद्र की क्यूरेटिव याचिका खारिज

  • सुप्रीम कोर्ट ने जीएमआर को हवाई अड्डे के संचालन के खिलाफ केंद्र की याचिका खारिज कर दी
  • सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से राय मांगी थी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-27 16:16 GMT

New Delhi News : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की उस क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया, जिसमें निजी कंपनी जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड को नागपुर के बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उन्नयन और संचालन करने की अनुमति देने वाले फैसले को चुनौती दी गई थी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जीएमआर कंपनी को नागपुर हवाई अड्‌डे के संचालन करने की अनुमति देने से जुड़े अपने फैसले के खिलाफ केंद्र और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा दायर क्यूरेटिव पीटिशन से संबंधित मुद्दों पर सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से राय मांगी थी। चार न्यायाधीशों की विशेष पीठ, जिसमें देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (सीजेआई), जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेके माहेश्वरी शामिल है के समक्ष आज इस मामले की सुनवाई में एसजी ने क्यूरेटिव याचिका को जारी रखने के खिलाफ राय देते हुए कहा कि यह पुन र्विचार निर्णयों के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करती है। पीठ ने एसजी की राय पर विचार किया और निष्क र्ष निकाला कि याचिका पर आगे जांच की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने फैसला किया कि किसी भी नकारात्मक निहितार्थ के लिए मामले को फिर से खोलना उचित नहीं है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2022 को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें हवाई अड्डे के उन्नयन और संचालन के लिए जीएमआर एयरपोर्ट्स के साथ 2019 में किए गए अनुबंध को रद्द करने वाले मिहान इंडिया लिमिटेड (नागपुर में मल्टी मॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब और एयरपोर्ट) की मार्च 2020 की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस दौरान कहा था कि हाईकोर्ट का निर्णय ठोस तर्क और तथ्यों के सही विश्लेषण पर आधारित था और इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं थी। शीर्ष अदालत के इस आदेश के खिलाफ केंद्र और एएआई ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी।

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