अवसर: अल्पसंख्यक समाज के 75 विद्यार्थियों को मिलेगी विदेशी छात्रवृत्ती, एक विद्यार्थी करोड़ तक खर्च
- प्रति विद्यार्थी पर सरकार करती है एक करोड़ तक खर्च
- 75 विद्यार्थियों को मिलेगी विदेशी छात्रवृत्ती
- अल्पसंख्यक समाज के विद्यार्थियों को लाभ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार हर वर्ष अल्पसंख्यक समाज के 75 विद्यार्थियों को विदेश में नामांकित कालेजों में पढ़ाई करने के लिए भेजती है। मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन समाज के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलता है। राज्य सरकार एक विद्यार्थी पर एक करोड़ रुपए तक खर्च करती है। विदेश में स्नातकोत्तर और संशोधनात्मक पाठ्यक्रम जैसे पीएचडी या विशेष अध्ययन के लिए अपने खर्चे पर भेजती है।
इस योजना के तहत (Qs World University Ranking) 200 के अंदर आनेवाले विदेशी कालेज या शिक्षा संस्थाओं में राज्य के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। सरकार विद्यार्थी की पढ़ाई के साथ ही रहने व खाने की भी व्यवस्था करती है। विद्यार्थी को तय प्रारुप में जरूरी दस्तावेजों के साथ समाज कल्याण आयुक्तालय 3, चर्च पथ, महाराष्ट्र राज्य, पुणे- 411001 इस पते पर आवेदन करना है। इस योजना के बारे में सरकारी वेबसाइट www.maharashtra.gov.in पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
स्नातकोत्तर के लिए 35 वर्ष
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए 35 वर्ष आयु व पीएचडी के लिए अधिकतम 40 वर्ष की आयु तय की गई है। अधिक जानकारी अधिकृत वेबसाइट पर दी गई है। इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील समाज कल्याण विभाग के प्रादेशिक उपायुक्त डॉ. सिद्धार्थ गायकवाड ने अल्पसंख्यक समाज के विद्यार्थियों से की है।
शिक्षा में आगे बढ़ाना
सरकार का उद्देश्य अलसंख्यक समाज को उच्च शिक्षा में आगे बढ़ाना है। जो विद्यार्थी आर्थिक परेशानी के कारण विदेश में उच्च शिक्षा के लिए नहीं जा सकते, उन्हें इसका लाभ होता है। साल 2024-25 इस शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों से शिष्यवृत्ती के लिए आवेदन मंगाए गए है।