मराठा-ओबीसी आरक्षण: सर्वदलीय बैठक में नहीं पहुंचा विपक्ष तो सत्ता पक्ष ने नहीं चलने दी सदन
- किसके कहने पर विपक्ष के नेता बैठक में नहीं पहुंचे: विखे-पाटील
- विधान परिषद का कामकाज हंगामे की भेंट चढ़ा
- राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने हाई कोर्ट से मांगा समय
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार द्वारा मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के शामिल नहीं होने पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि सत्ता पक्ष ने सदन के अंदर विपक्ष को घेरने के लिए सदन नहीं चलने दिया हो। सत्ता पक्ष के विधायकों ने वेल में पहुंचकर विपक्ष के विरुद्धनारेबाजी की। सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा लगातार हंगामा करने के बाद विधानसभा को चार बार स्थगित करना पड़ा। आखिर में करीब ढाई बजे विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में सत्ता पक्ष के विधायक हंगामा करते रहे और सरकार के मंत्री अपने भाषण के दौरान विपक्ष को घेरते रहे। राज्य सरकार में मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के दलों से बातचीत करने के बाद ही सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। लेकिन ऐसे किस व्यक्ति का फोन विपक्ष के नेताओं को आया जो उन्होंने एकाएक सर्वदलीय बैठक में आने से इनकार कर दिया। वहीं मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि मंगलवार को सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए हमने विपक्ष के नेताओं को निजी रूप से बैठक में शामिल होने के साथ-साथ ऑनलाइन बैठक में शामिल होने का भी न्योता दिया था। लेकिन ये लोग बैठक में नहीं पहुंचे।
उधर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में मराठा और ओबीसी समाज में जो संघर्ष आरक्षण को लेकर हुआ है, दरअसल महायुति सरकार उसके लिए जिम्मेदार है।
हंगामे के बीच पूरक मांगें मंजूर
हंगामे के बीच वित्त मंत्री अजित पवार ने पूरक मांगों पर चर्चा का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे बहुमत के आधार पर पास कर दिया गया। इसके साथ ही अजित पवार ने जम्मू-कश्मीर में बनने वाले महाराष्ट्र भवन का प्रस्ताव पेश किया, उसे भी मंजूरी मिल गई। इस भवन पर 94 करोड़ रुपए का खर्च होगा। सदन में हंगामे के बीच महाराष्ट्र विनियोजन विधेयक-2024 भी पारित कर दिया गया।
विधान परिषद का कामकाज हंगामे की भेंट चढ़ा
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के नेताओं के शामिल नहीं होने के मुद्दे पर विधान परिषद में भी जमकर हंगामा हुआ। सदन में सत्तारूढ़ और विपक्ष के सदस्य वेल मेंआमने-सामने आ गए। इस हंगामे के बीच उपसभापति नीलम गोर्हे ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। बुधवार को सदन में प्रश्नकाल खत्म होते ही भाजपा के सदस्य प्रवीण दरेकर ने मराठा आरक्षण की बैठक में विपक्ष के शामिल न होने का मुद्दा उठाया। दरेकर ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गंभीर बन गया है। इससे मराठा और ओबीसी समाज के बीच कटुता पैदा हो गई है।इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने मंगलवार देर रात को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। लेकिन मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष बेनकाब हो गया है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने हाई कोर्ट से मांगा समय
हाई कोर्ट में बुधवार को मराठा समाज को 10 फीसदी आरक्षण देने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई टल गई। महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अदालत से हलफनामा दाखिल करने के लिए समय की मांग की। अदालत ने आयोग को 26 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। 5 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी।