निशाना: जरांगे पाटील बोले - भुजबल के खिलाफ क्यों नहीं हो रही कार्रवाई, अब बस 24 दिसंबर का इंतजार

  • मनोज जारंगे का दावा, भुजबल पड़े अकेले
  • भुजबल के खिलाफ क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
  • जरांगे पाटील बोले 24 दिसंबर का इंतजार है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-21 15:48 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य में मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच दरारा पैदा होने से बचाने और हमारे पास कम दिन होने की वजह से हम रात में भी सभाएं कर लोगों से संवाद साध रहे हैं। लेकिन यह सरकार हम पर मामले दर्ज कर रही है। वहीं छगन भुजबल सामाजिक तनाव पैदा करने वाले बयान दे रहे हैं। पर उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। क्या इसका मतलब यह निकाला जाए कि छगन भुजबल को मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों का समर्थन मिल रहा है? यह बात मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने ठाणे में कही। मंगलवार को उन्होंने ठाणे व पालघर में सभाओं को संबोधित किया। जरांगे पाटील ने पालघर में कहा कि सरकार की छाती पर बैठ कर मराठा आरक्षण लेंगे।

ठाणे में हुई सभा में जरांगे पाटिल ने एक बार फिर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते हुए छगन भुजबल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह (भुजबल) कहते हैं कि मैं पढ़ नहीं सकता, मुझे मराठा आरक्षण पढ़ना है। मैंने पढ़ाई की हो या न की हो लेकिन मैंने आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी है। हमें आरक्षण चाहिए ही।' मेरे पास पढ़ने-पढ़ाने का समय नहीं है। जरांगे पाटिल ने सुझाव दिया है कि छगन भुजबल को जेल जाने के बाद की फिल्म की कहानी पढ़नी व लिखनी चाहिए। हमने मराठा आरक्षण की लड़ाई 75 फीसदी जीत ली है। अब बस 24 दिसंबर को मराठा आरक्षण कानून पारित होने का इंतजार कीजिये। उन्होंने तब तक मराठा समुदाय को शांत रहने की अपील भी की।

जरांगे पाटील ने कहा कि राज्य सरकार हमारे खिलाफ कितने भी मुकदमे क्यों न दायर कर दे, हम डरेंगे या रुकेंगे नहीं। हम मराठाओं के कल्याण के लिए किसी भी तरह का अपराध करने के लिए तैयार हैं। एक तरफ हम मराठा-ओबीसी दरार को रोकने के लिए दिन-रात कोशिश कर रहे हैं लेकिन छगन भुजबल भड़काऊ बयान देकर नफरत फैला रहे हैं। दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही। क्या इसका मतलब ये मान लिया जाए कि सरकार ने भुजबल को छूट दे दी है। आप मराठा आरक्षण नहीं देना चाहते इस लिए जानबूझकर अपराध दर्ज किये जा रहे हैं? पूरे राज्य में मराठाओं के कुणबी अभिलेख मिल रहे हैं। इसलिए मराठाओं को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का निर्णय सरकार को लेना ही होगा। वहीं सरकार बदमाशों को रोकती क्यों नहीं?मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि केवल एक विरोधक के चलते सरकार 6 करोड़ मराठा समुदाय को दांव पर नहीं लगा सकती।

मनोज जारंगे का दावा, भुजबल पड़े अकेले

मनोज जरांगे पाटिल ने कहा मराठों को ओबीसी वर्ग से आरक्षण न मिले इसके लिए छगन भुजबल राज्य भर में जितना कार्यक्रम आयोजित करेंगे, उतना ही हमें फायदा होगा। अभी तक समस्त मराठा समाज एक नहीं हुआ था। लेकिन, छगन भुजबल की वजह से बाकी मराठा समुदाय भी एक साथ आ गया है। आधे ओबीसी नेता छगन भुजबल से अलग हो गए हैं। इतने वर्षों के प्रशासनिक अनुभव वाला नेता इस तरह का कार्य कैसे कर सकता है?

कल्याणः इसके पहले सोमवार की देररात कल्याण पहुंचने पर जरांगे पाटील ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मेरे पीछे मराठा समाज की ताकत है। मुझे स्क्रिप्ट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। यह मराठा समाज के लोगों के हक की लड़ाई है। जिसमें पूरे महाराष्ट्र का मराठा समाज मेरे साथ खड़ा है।

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