शासनादेश: दूध उत्पादक किसानों के लिए अनुदान योजना 10 मार्च तक लागू, कर्ज चुकाने जमीन बेचेगी सूत मिल
- किसानों के लिए अनुदान योजना अब 10 मार्च तक लागू रहेगी
- बीड़ जिला बैंक का कर्ज चुकाने जमीन बेचेगी संत जगमित्र सहकारी सूत मिल
- राज्य सरकार ने 12.09 हे. आर अतिरिक्त जमीन बेचने को दी मंजूरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य के सहकारी दूध संघ और निजी दूध संघ परियोजनाओं को दूध आपूर्ति करने वाले उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान देने की योजना की अवधि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार ने दूध अनुदान देने की योजना को 11 फरवरी से 10 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना की अवधि 10 फरवरी को खत्म हो गई थी। सोमवार को राज्य के दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इस योजना की अवधि एक महीने बढ़ाए जाने से सरकार की तिजोरी पर 230 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। इससे पहले राज्य मंत्रिमंडल ने दूध के दाम गिरने पर उत्पादक किसानों के लिए प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान देने का फैसला 5 जनवरी 2024 लिया था। इसके तहत योजना 11 जनवरी से 10 फरवरी 2024 तक लागू थी। जिसके बाद अब सरकार ने इस योजना की अवधि 11 फरवरी से 10 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है।
बीड़ जिला बैंक का कर्ज चुकाने जमीन बेचेगी संत जगमित्र सहकारी सूत मिल
बीड़ जिला मध्यवर्ती बैंक का कर्ज चुकाने के लिए संत जगमित्र सहकारी सूत मिल ने वर्ग- 1 की 12.09 हे. आर अतिरिक्त जमीन बेचने का फैसला लिया है। सोमवार को राज्य सरकार ने सूत मिल को बकाया कर्ज के भुगतान के लिए जमीन बिक्री को मंजूरी दी है। राज्य के वस्त्रोद्योग विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। यह सूत मिल राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे से संबंधित है। नागपुर के वस्त्रोद्योग आयुक्त अविश्यांत पंडा की निगरानी में ई-नीलामी के माध्यम से सूत मिल जमीन बेचने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। ई-नीलामी के जरिए जमीन बेचने से प्राप्त होने वाली कुल राशि से बीड़ जिला बैंक का एकमुश्त बकाया वापस करना पड़ेगा। जबकि शेष राशि सतू मिल को सरकार को लौटना होगा। सूत मिल बीड़ के परली तहसील के टोकवाडी में स्थित है। इस सूत मिल के पास कुल 18.56 हे. आर. जमीन है। जिसमें से सूत मिल परियोजना के लिए 6.47 हे.आर. जमीन इस्तेमाल की गई है। जबकि अतिरिक्त 12.09 हे.आर. जमीन सूत मिल के पास उपलब्ध है। इससे पहले नागपुर के वस्त्रोद्योग आयुक्त ने संत जगमित्र सूत मिल की जमीन बेचने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था।