बॉम्बे हाईकोर्ट: अदालत की नई इमारत की भूमि को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार को लगाई गई फटकार
- सरकार हाई कोर्ट की नई इमारत को लेकर गंभीर नहीं
- अदालत ने 15 दिन में हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। हाईकोर्ट नई इमारत के लिए भूमि लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक बार फिर राज्य सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि सरकार हाई कोर्ट की नई इमारत को लेकर गंभीर नहीं है। एक हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते हैं। हमें कठोर आदेश पारित करने के लिए मजबूर न करें।
अदालत ने सरकार को 15 दिनों में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को वकील अहमद आब्दी की याचिका पर सुनवाई हुई।
इस दौरान खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने हलफनामा दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अब तक उठाए गए कदमों के बारे में एक साधारण हलफनामा दाखिल करना था। इस मामले पर कौन निर्देश दे रहा है? पीडब्ल्यूडी के सचिव से बात की जाए।
सरकार को हर दिन हाई कोर्ट प्रशासन के सामने आने वाली बाधाओं का एहसास क्यों नहीं होता? एक साधारण शपथ समारोह के आयोजन के लिए हमें कितनी मेहनत करनी पड़ेगी?अदालत में मौजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा।
अदालत ने 15 दिन का समय हलफनामा दाखिल करने के लिए दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकार ने अदालत भवन के लिए भूमि आवंटन पर हाई कोर्ट ने 2018 के आदेश का पालन नहीं किया है।
पिछले साल सरकार ने खंडपीठ को सूचित किया था कि बांद्रा में हाई कोर्ट की नई इमारत के लिए 30 एकड़ जमीन देने की मंजूरी दी गई है। राज्य के राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक बदलाव करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद कब्जा सौंप दिया जाएगा।