दिक्कतोँ से राहत: डायलिसिस मरीजों के लिए राहत भरी खबर, वेटिंग से मिलेगी निजात
- सरकारी व मनपा अस्पतालों में आएंगी 200 डायलिसिस मशीन
- मरीजों के लिए राहत भरी खबर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश की लगभग दस प्रतिशत जनसंख्या किडनी (गुर्दे) की बीमारी से ग्रसित है। इसमें सीकेडी (क्रोनिक किडनी डिजीज) से पीड़ित रोगियों को डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। बात करें मुंबई की तो यहां हर महीने 45 हजार डायलसिस होते हैं। इसे देखते हुए सरकारी और मनपा अस्पतालों में सीमित संख्या में ही डायलिसिस मशीनें हैं। इसलिए कई मरीजों को डायलिसिस के लिए महीनेभर इंतजार करना पड़ता है। लेकिन यह प्रतीक्षा जल्द ही समाप्त हो जाएगी। मुंबई मनपा और राज्य सरकार के सभी अस्पतालों के लिए 200 डायलिसिस मशीनें जल्द खरीदी जाएंगी।
महात्मा ज्योतिबा फुले योजना के अंतर्गत हर वर्ष राज्य में 20 हजार लोगों को डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। इसमें से अधिकांश मुंबई के हैं। इस परिस्थिति में मनपा व सरकारी अस्पतालों के डायलिसिस केंद्रों पर बड़ा दबाव रहता है। आमतौर पर एक मरीज को डायलिसिस के लिए कम से कम दो से तीन घंटे का समय लगता है। इसके चलते इन अस्पतालों में मरीजों की लंबी प्रतीक्षा सूची रहती है। ऐसे में मरीजों को समय पर डायलिसिस कराने के लिए निजी डायलिसिस केंद्र का सहारा लेना पड़ता है। निजी केंद्रों में आमतौर पर मरीजों को एक बार की डायलिसिस के लिए डेढ़ से दो हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं। निजी केंद्रों पर इतना खर्च करना सामान्य गरीब परिवार के मरीज की पहुंच से दूर है।
आगामी दो महीनों में उपलब्ध होगी मशीनें
मुंबई शहर के पालक मंत्री दीपक केसरकर ने बताया कि मनपा व सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस के लिए लंबी कतार को गंभीरता से लिया गया है। इसलिए, मुंबई के सभी मनपा और राज्य सरकार के अस्पतालों के लिए 200 डायलिसिस मशीन खरीदने का निर्णय लिया गया है ताकि गरीब और सामान्य रोगी आसानी से यह सुविधा प्राप्त कर सकें और समय पर उनका डायलिसिस संभव हो सके। उन्होंने बताया कि आगामी दो महीने में ये मशीनें अस्पतालों में पहुंचने की संभावना है।