Mumbai News: पालघर पुलिस की हिरासत में शारीरिक रूप से प्रताड़ित व्यक्ति को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत
- जे.जे. अस्पताल के मेडिकल रिपोर्ट में भी पुलिस हिरासत में व्यक्ति को शारीरिक यातना देने की पुष्टि
- अदालत ने पालघर के पेल्हार पुलिस स्टेशन से मामले का जांच नालासोपारा पुलिस स्टेशन को सौंपा
- पालघर के सहायक पुलिस आयुक्त सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का दिया निर्देश
Mumbai News : पालघर पुलिस की हिरासत में शारीरिक रूप से प्रताड़ित अनिल राठौड़ को बॉम्बे हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। अदालत में जे.जे.अस्पताल के डॉक्टरों के मेडिकल रिपोर्ट में भी पुलिस हिरासत में राठौड़ को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की पुष्टि हुई है। अदालत ने सीसीटीवी कैमरों की पहुंच से बाहर एक पुलिस अधिकारी के अकेले परिसर में पूछताछ करने जैसी खामियों पर पुलिस से जवाब मांगा है। साथ ही पालघर के पेल्हार पुलिस स्टेशन से मामले की जांच नालासोपारा पुलिस स्टेशन को सौंपा दी गई है।
न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरसन की पीठ के समक्ष सुनील राठौड़ की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता के भाई अनिल राठौड़ को 4 नवंबर को पालघर की पेल्हार पुलिस अपने साथ ले गई और उन्हें अज्ञात स्थान पर पूछताछ ने नाम पर उन्हें डंडों, चमड़े की बेल्ट और मुट्ठियों से बूरी पीटा गया। इसके बाद पुलिस ने अनिल राठौड़ को छोड़ दिया। जब उनके भाई ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कर मेडिकल जांच कराई और इसकी शिकायत राज्य के गृहमंत्री से की, तो दूसरे दिन पुलिस ने राठौड़ को अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया। अनिल के भाई सुनील राठौड़ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर भाई को अवैध रूप से की गई गिरफ्तारी से जमानत का अनुरोध किया और अदालत के संज्ञान में पुलिस की प्रताड़ना को सामने लाया। पीठ ने पेल्हार पुलिस से आरोपी को मुंबई के जे.जे.मार्ग पुलिस स्टेशन को सौंप दिया और जे.जे.अस्पताल के डॉक्टरों को राठौड़ को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप की जांच करने का आदेश दिया।
जे.जे.अस्पताल के डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट में उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की पुष्टि हुई। पीठ ने एक करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार अनिल राठौड़ को अंतिम जमानत दे दिया। पीठ ने पुलिस अधिकारियों को विरार के चंदन पार्क में एसीपी कार्यालय के बाहर और वसई महानगरपालिका अस्पताल परिसर के आसपास के सीसीटीवी कैमरों से सभी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने और संरक्षित करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त पीठ ने पुलिस अधिकारियों से इस कमी के बारे में जवाब मांगा कि सीसीटीवी कैमरों की कवरेज से बाहर रहने वाले एक पुलिस अधिकारी के अकेले परिसर में आरोपी से पूछताछ क्यों की गई? 10 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।