Mumbai News: अब एप की मदद से होगा स्ट्रोक के मरीजों का उपचार, हर साल लाखों लोग होते हैं शिकार
- देश में 15 लाख लोग हर साल आते हैं ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में
- गोल्डन आवर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह उपलब्ध कराने मुहिम
- 4 हजार से ज्यादा जनरल फिजिशियन को इलाज के गुर सिखाए
Mumbai News : मोफीद खान। देश के 13 शहरों में शुरू ब्रेन स्ट्रोक मिशन मुहिम को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इस मुहिम के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए अब स्ट्रोक के मरीजों को गोल्डन आवर में इलाज के दौरान विशेषज्ञों की देखरेख और सलाह मिल पाएगी। इसके लिए इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन एक मोबाइल एप लांच करने जा रहा है। इस एप की मदद से दूर दराज इलाके में भी जनरल फिजिशियन (डॉक्टर) स्ट्रोक के मरीजों का इलाज फौरी तौर पर कर पाएंगे। मिशन के तहत अब तक देश के चार हजार जनरल फिजिशियन को ब्रेन स्ट्रोक के उपचार की पद्धति से प्रशिक्षित किया गया है।
महाराष्ट्र समेत देश में हर साल 15 लाख से ज्यादा लोग ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आते हैं। इनका गोल्डन आवर में उपचार कर उनकी जान बचाने के लिए इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन ने मिशन ब्रेन अटैक नामक राष्ट्रव्यापी मुहिम चलाई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. निर्मल सूर्या ने बताया कि इस मुहिम के सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। अभी तक इस मिशन से 4 हजार से ज्यादा जनरल फिजिशियन (डॉक्टर) को स्ट्रोक के मरीजों के इलाज का गुर सिखाया गया है। इसके परिणाम स्वरूप हाल के दिनों में 37 ब्रेन स्ट्रोक मरीजों की जान बचाई जा सकी। इसे देखते हुए अब एसोसिएशन स्ट्रोक मरीजों के इलाज के लिए मोबाइल एप लांच करनेवाला है। यह एप एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के संयुक्त प्रयासों से बनाया जा रहा है। इसका निर्माण अंतिम चरण में है औरआशा है कि नए वर्ष सेयहएप काम करने लगेगा।
एप से जुड़ेंगे इतने डॉक्टर
डॉ. निर्मल के मुताबिक ‘बीफास्ट' नामक एप में देशभर से करीब 5 हजार जनरल फिजिशियन को जोड़ा जाएगा। इसमें सलाह के लिए हर राज्य से कम से कम 10 न्यूरो फिजिशियन को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमेंएप पर जनरल फिजिशियन को स्ट्रोक के मरीज की जानकारी अपलोड करनी होगी। इसके बाद एप से जुड़े न्यूरोलॉजिस्ट इलाज के लिए मार्गदर्शन करेंगे।
10 हजार से ज्यादा फिजिशियन को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
डॉ. निर्मल सूर्या ने बताया कि बीते 6 महीने में 13 शहरों में ब्रेन अटैक मिशन मुहिम की शुरुआत हो चुकी है और 12 शहरों में इस मुहिम की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन का लक्ष्य 10 से 15 हजार जनरल फिजिशियन को ब्रेन स्ट्रोक के इलाज का गुर सिखाना है।
शहरी भागों में रोजाना 150 लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार
डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक में सीने में दर्द होता है लेकिन ब्रेन स्ट्रोक में दर्द नहीं होता, इसलिए लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्होंने बताया कि
शहरी भागों में जहां रोजाना ब्रेन स्ट्रोक के 150 मरीज आते हैं वहीं ग्रामीण में 220 मरीज ब्रेन स्ट्रोक के मिल रहे हैं।