जल्द बैठक: वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति सुनेगी उलेमाओं के मन की बात - जगदंबिका पाल को ज्ञापन
- सभी की राय सुमारी होगी शामिल
- ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा की ओर से जेपीसी समिति अध्यक्ष जगदंबिका पाल को दिया गया ज्ञापन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। वक्फ विधेयक (संसोधन) को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक अगले सप्ताह से दिल्ली में शुरू होने जा रही है। लेकिन इससे पहले ही ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा के प्रतिनिधियों ने इस विधेयक पर अपनी आपत्ति और सुझाव का एक ड्राफ्ट जेपीसी समिति अध्यक्ष जगदंबिका पाल को ज्ञापन के रूप में रविवार को सौंप दिया है। इस प्रतिनिधि मंडल को जगदंबिका पाल ने आश्वस्त करते हुए कहा है कि जेपीसी उन्हें भी दिल्ली में आमंत्रित कर उनके मन की बात सुनेगी।
वक्फ विधेयक को लेकर मुंबई आए जेपीसी समिति अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रविवार को इस्लाम जिमखाना में उलेमाओं से एक अनौपचारिक मुलाकात की। इस दौरान ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा, रजा अकादमी सहित अन्य मुस्लिम तंजीमों के अध्यक्ष उपस्थित थे। इस मुलाकात में वक्फ विधेयक को लेकर कानूनी पहलुओं से उलेमा और मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने अपनी बात जगदंबिका पाल के समक्ष रखी। इतना ही नहीं ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफी के नेतृत्व में उलेमाओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने वक्फ विधेयक संबंधित आपत्ति और सुझावों का एक आठ पेज का ड्राफ्ट उन्हें सौंपा गया।
सभी की राय सुमारी होगी शामिल
जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है कि जो संपत्तियां जिस उद्देश्य से वक्फ की गई है उसका सही इस्तेमाल उसी हक में हो। हाल के दिनों में वक्फ की कई संपत्ति पर अवैध कब्जे की बात भी सुनने आयी है। इसलिए सुधार के लिए यह वक्फ विधेयक लाया गया है। इस विधेयक पर जेपीसी समिति बनाई गई है। समिति को अगले संसदीय अधिवेशन तक एक ठोस विधेयक संसद में पेश करना है। उन्होंने कहा कि उलेमाओं ने विधेयक के संदर्भ में न सिर्फ ज्ञापन दिया है बल्कि उनकी बातें भी रखी है। इन बातों को वे समिति के सदस्यों के समक्ष रखेंगे। इतना ही नहीं उलेमाओं को समिति की बैठक में आमंत्रित भी किया जाएगा जहां वे व्यक्तिगत अपनी बातें रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी के साथ विचार विमर्श करने के बाद ही समिति अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेगी और एक ऐसा विधेयक संसद में पेश किया जाएगा जो समाज के हित का होगा।
जेपीसी समिति पर उम्मीद
मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफ ने कहा कि वक्फ संपत्ति की सुरक्षा मुस्लिम समुदाय की जिम्मेदारी है। उन्होंने कई वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से नष्ट किए जाने पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अब कम से कम बची हुई संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा कानून लागू नहीं करना चाहिए जिससे वक्फ संपत्तियों को खतरा न हो। उन्होंने जेपीसी समिति पर उम्मीद जताते हुए कहा कि समिति विचार-विमर्श के बाद जो फैसला लेगी, वह मुसलमानों के हित का होगा होगा।