बॉम्बे हाईकोर्ट: पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण बरकरार

  • सरकारी वकील ने पेडणेकर की याचिका पर जवाब देने के लिए अदालत से समय मांगा
  • सुनवाई 22 जनवरी तक के लिए टली
  • कोरोना में बॉडी बैग खरीद में घोटाला
  • ईओडब्ल्यू में धोखाधड़ी का मामला दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-20 15:20 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण बरकरार रखा। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने पेडणेकर की याचिका पर जवाब देने के लिए अदालत से समय मांगा। 22 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी। पेडणेकर ने अपनी याचिका में अग्रिम जमानत की मांग की है। उन पर कोरोना मरीजों के लिए बॉडी बैग की खरीद में कथित अनियमितता का आरोप है।

न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकलपीठ के समक्ष बुधवार को किशोरी पेडणेकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सरकारी वकील ने पेडणेकर की याचिका पर जवाब देने के लिए अदालत से समय मांगा। इसके बाद मामले की सुनवाई 22 जनवरी तक के लिए टल गई। पेडणेकर की याचिका में दावा किया गया है कि उन्हें राजनीति से प्रेरित होकर दुर्भावना में झूठे मामले में फंसाया गया है। इस साल 29 अगस्त को सेशन कोर्ट ने पेडणेकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में 4 अगस्त को पेडणेकर, पूर्व अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त और पूर्व उप नगर आयुक्त और निजी ठेकेदार वेदांत इनोटेक के खिलाफ शिकायत की थी। निर्मल नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120(बी) (आपराधिक साजिश) के तहत पेडणेकर समेत शैला प्रशांत गावस, गिरीश रेवांकर और साईप्रसाद पेडणेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि वेदांत इनोटेक ने कथित तौर बीएमसी को 6719 रुपए प्रति बॉडी बैग की आपूर्ति की थी, जो उसी अवधि के दौरान अन्य सरकारी अधिकारियों या निजी अस्पतालों से तीन गुना अधिक (1500 रुपए प्रति) थी।

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