Mumbai News: मुस्लिम बहुल सीट पर दूसरे समाज के मत होंगे निर्णायक, कांग्रेस का गढ़ था यह क्षेत्र

  • सपा से राजनीतिक कॅरियर शुरू करने वाले मलिक सपा प्रदेशाध्यक्ष को दे रहे चुनौती
  • कभी कांग्रेस का गढ़ था यह क्षेत्र

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-05 14:55 GMT

Mumbai News : मोफीद खान|  एक समय में कांग्रेस का गढ़ माने जानेवाले मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र पर पिछले 15 वर्षों से समाजवादी पार्टी का कब्जा है। इस बार इस सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है, क्योंकि यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। पिछले विधानसभा चुनावों में इस विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी और शिवसेना (अविभाजित) के बीच मुकाबला था, लेकिन इस बार सपा के विधायक अबू आसिम आजमी के इस गढ़ को भेदने के लिए कभी सपा में उनके जूनियर रहे राकांपा (अजित) उम्मीदवार नवाब मलिक पहुंचे हैं। 2009 के विधानसभा चुनाव में आजमी को कांटे की टक्कर देने वाले सुरेश कृष्ण (बुलेट) पाटील शिवसेना (शिंदे) से महायुति के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस इलाके से दो बार कांग्रेस विधायक रहे जावेद खान के बेटे व मुंबई कांग्रेस के महासचिव वसीम जावेद बागी उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में इस बार अबू आसिम आजमी की जीत की राह कठिन दिखाई दे रही है। मुस्लिम बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुस्लिम मतों का विभाजन होना तय माना जा रहा है, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र से उतरे 22 उम्मीदवारों में से 13 मुस्लिम है। इन 13 में से 4 ऐसे मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जिनके बीच मुस्लिम मतों का विभाजन तय माना जा रहा है। इसलिए इस बार इस विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं के बजाय गैर मुस्लिम समाज के मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। 

मौजूदा मानखुर्द-शिवाजी नगर सीट पहले ट्रॉम्बे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती थी। 1985 में शिवाजी नगर, गोवंडी की जनता ने कांग्रेस के जावेद खान को विधायक चुना था। वे 1995 तक यानी दो बार इस सीट से विधायक रहे। 1995 में यहां से शिवसेना (अविभाजित) से रत्नाकर नारकर विधायक बने थे। 1999 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी खोई हुई सीट वापस हासिल कर ली। उस समय कांग्रेस से सोहेल अशरफ विधायक चुने गए थे, लेकिन 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से सपा छोड़कर आए यूसुफ अब्राहनी को उम्मीदवार बनाया था और यूसुफ अब्राहनी यहां से चुनाव जीते। 2009 में ट्रॉम्बे विधानसभा क्षेत्र का विभाजन होने से मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट बना। 2009 में यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी सैय्यद अहमद को हराकर सपा के अबू आसिम आजमी ने जीत हासिल की। 2014 में कांग्रेस ने फिर से यूसुफ अब्राहनी को चुनावी मैदान में उतारा था। उस समय शिवसेना (अविभाजित) ने यहां से निर्दलीय नगरसेवक रहे सुरेश कृष्ण (बुलेट) पाटील को टिकट दिया था। उस समय सपा और शिवसेना के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में सपा के आजमी ने 41,719 और शिवसेना से बुलेट पाटिल ने 31,782 वोट हासिल लिया था, जबकि तीसरे नंबर पर रहे यूसुफ अब्राहनी को 27,494 वोट मिले थे। 

नशा और मूलभूत सुविधा बना चुनावी मुद्दा: इस विधानसभा क्षेत्र में पहले पानी की समस्या चुनावी मुद्दा हुआ करता था, लेकिन बीते दो विधानसभा चुनाव से यहां बढ़ते नशा का कारोबार, गुंडागर्दी, बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट से हो रहे प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर, कब्रिस्तान का अभाव, सरकारी अस्पताल में अपर्याप्त सुविधा और कचरे की समस्या चुनावी मुद्दा बना हुआ है। इन समस्याओं से यहां के लोग सालों से जूझ रहे हैं। इन्हीं मुद्दों को इस बार आजमी के विरोधी नवाब मलिक और बुलेट पाटील भुना रहे हैं।


पिछले चुनाव पर एक नजर (2019)

प्रमुख उम्मीदवार को मिले मत

अबू आसिम आजमी ( सपा) 69,082

विठ्ठल लोकरे (शिवसेना अविभाजित) 43,481

नोटा 1,876

जीत का अंतर 25,601

ऐसा है मतदाताओं का समीकरण

इस क्षेत्र के करीब 58 फीसदी मतदाता मुस्लिम समाज के हैं। 42 फीसदी मतदाताओं में मराठी, उत्तर भारतीय, क्रिश्चियन और दलित वर्ग शामिल हंै। बीते लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव उद्धव ठाकरे की ओर होने से उस समय मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना (उद्धव) के प्रत्याशी संजय दीना पाटील को 1,16,072 वोट मिले थे, जबकि भाजपा और महायुति के प्रत्याशी मिहिर कोटेचा सिर्फ 28,101 वोट हासिल कर सके थे।


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