पालघर साधु हत्याकांड: साधुओं के परिवारों को मुख्यमंत्री शिंदे ने पांच - पांच लाख रूपये की मदद दी
- साधुओं के परिवारों को मदद
- मुख्यमंत्री शिंदे ने पांच पांच लाख रूपये की मदद दी
- मामले के 12 आरोपियों की उम्र 18 साल से कम थी
डिजिटल डेस्क, वसई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की ओर से पालघर साधु हत्याकांड में मृत साधुओं के परिवारों को शनिवार को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी। विरार पश्चिम में आयोजित शिवसेना कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री साधुओं के परिवारों से मुलाकात की। प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद पहली बार वसई विरार में शिवसेना कार्यकर्ताओं की बैठक ली। शिवसेना को मान्यता मिलने से कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर था। इस मौके पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि 'घर ही शिवसेना और गांव ही शिव सेना' की घोषणा देकर कार्यकर्ताओं से काम पर लगाने की अपील की।
गौरतलब है कि पालघर के गड़चिंचले गांव में 16 अप्रैल 2020 की रात को हुई वारदात के वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। घटना के एक वीडियो में 65 वर्षीय महंत भीड़ से अपनी जान बचाने के लिए पुलिस का हाथ थामे चल रहे थे,लेकिन पुलिसकर्मी ने इनका हाथ छुड़वाकर कथित रूप से उन्हें भीड़ को सौंप दिया। इसके बाद इस भीड़ ने जूना अखाड़े के दो साधुओं महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष), 65 वर्षीय महंत महाराज कल्पवृक्ष गिरी और 30 वर्षीय ड्राइवर निलेश तेलगडे की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने 163 लोगो को गिरफ्तार किया था, जिसमें 12 आरोपियों की उम्र 18 साल से कम थी।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक साधुओं की हत्या बच्चा चोरी गिरोहों के सक्रिय होने की वजह से हुई थी. ऐसा अफवाह थी कि इन गिरोहों के सदस्य इलाके में साधु, डॉक्टर, पुलिस की वेशभूषा पहनकर बच्चा चोरी करते थे. जिसकी वजह से ड्राईवर और दोनों साधुओं की हत्या कर दी गई थी.
हत्या तब हुई थी जब तीनों लोग कार से सूरत में किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे. कासा पुलिस स्टेशन में पालघर में हुई इस घटना को लेकर तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे. घटना के बाद इलाके में हंगामा हो गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने कासा पुलिस के कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. साथ ही सरकार ने 35 से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल और पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर भी कर दिया था.