यरवडा सेंट्रल जेल में कैदियों की मौत का मामला, सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच का दिया हवाला
- सरकार ने दाखिल किया हलफनामा
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- कस्टोडियल डेथ की जांच की गाइडलाइन क्या है?
- जनहित याचिका में सीबीआई जांच की मांग
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शीतला सिंह। राज्य सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में पुणे के यरवड़ा सेंट्रल जेल में 4 कैदियों की संदिग्ध मौत को लेकर हलफनामा दायर किया, जिसमें कैदियों की मौत की मजिस्ट्रेट जांच होने का हवाला दिया गया है। अदालत ने सरकार और याचिकाकर्ता से पूछा कि कस्टोडियल डेथ की जांच की गाइडलाइन क्या है? 12 जुलाई को अगली सुनवाई के दौरान बताने का निर्देश दिया गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को वकील गणेश गुप्ता की पुणे निवासी तोसिफ सी.शेख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में पिछले साल यरवडा जेल में पिछले साल 9 जुलाई को विचाराधिन कैदी सचिन नरावडे (27) और 31 दिसंबर को तीन कौदियों संदेश गांडेकर (26), शाहरुख शेख (29) और रंगनाथ दताल (31) की मौत मामले की सीबीआई जांच और फास्ट ट्रैक ट्रायल चलाने की मांग की गयी है। नरावडे जेल में पेड़ से लटका हुआ पाया गया था। जबकि गांडेकर, शेख और दताल की अस्पताल में मौत हुई थी। जेल प्रशासन ने उनके परिजनों को उनकी बीमारी से मौत होने की बात कही है। शेख का परिवार का आरोप है कि वे मौत से पहले उससे (शेख) जेल में मिले थे। उसे गंभीर चोट लगी थी। इसकी उन्होंने शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं आयी है। जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार करना चाहिए। अदालत ने कस्टोडियल डेथ की जांच की गाइडलाइन के विषय में पूछा। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। पिछले दिनो खंडपीठ ने पुणे यरवडा जेल में विचाराधीन कैदियों की मौत के मामले में सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। सरकार ने बुधवार को अदालत में हलफनामा दायर किया, जिसमें चार कैदियों की मौत की मजिस्ट्रेट जांच होने की बात कही गयी है।