एनसीपी में दरार मामला: चुनाव आयोग को फर्जी दस्तावेज पेश करके भ्रमित कर रहा अजित गुट - शरद गुट
- 20 नवंबर को अगली सुनवाई
- चुनाव आयोग में फर्जी दस्तावेज पेश
- भ्रमित कर रहा अजित गुट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस के नाम और चुनाव चिन्ह घड़ी के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में चल रही सुनवाई और आगे बढ़ गई है। अब इस मसले पर अगली सुनवाई दिवाली बाद यानी 20 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान शरद पवार चुनाव आयोग में मौजूद रहे.
पिछली सुनवाई में चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट की दलीले सुनी। आज शरद पवार गुट की ओर से दलीले रखी गई। तकरीबन 2 घंटे तक चली सुनवाई के बाद शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया को बताया कि आज पहली बार हमने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा। इस दौरान हमने कई अजीबोगरीब और भ्रमित करने वाले तथ्य चुनाव आयोग के समक्ष पेश किए। प्रतिपक्ष (अजित गुट) ने चुनाव आयोग में जो दस्तावेज पेश किए है उनमें से 20 हजार हलफनामें ढूंढ निकाले है और इनमें से करीब 9000 हलफनामें फर्जी है। सिंघवी ने कहा कि इनमें नाबालिग बच्चों सहित जोमैटो डिलीवरी बॉय से लेकर जो अस्तित्व में नहीं उन लोगों के हलफनामों में नाम दर्ज है। यही नहीं इन हलफनामों में जिन पदों का जिक्र किया गया है वे पद कभी पार्टी में थे ही नहीं।
प्रतिपक्ष के खिलाफ हो आपराधिक कार्रवाई
सिंघवी ने कहा कि प्रस्तुत किए गए फर्जी दस्तावेजों का मामला इतना गंभीर है कि उसके खिलाफ कानून कार्रवाई की जानी चाहिए। इसलिए हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि फर्जी दस्तावेज पेश करने के लिए प्रतिपक्ष के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाकर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि शिवसेना मामले में हमने देखा है कि आयोग ने हलफनामों पर गौर न करते हुए फैसला सुनाया था। हमने आयोग से कहा है कि शिवसेना जैसा सलूक न करते हुए हमारे हलफनामों पर गौर किया जाए। सिंघवी ने कहा कि जीत सत्य की ही होगी।
दूसरी ओर अजित गुट के सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि मामले पर लगातार सुनवाई कराए जाने की हमारी मांग थी, लेकिन अब 20 नवंबर से मामले पर लगातार सुनवाई होगी। इस दौरान कई तकनीकी बातों को हम आयोग के समक्ष लायेंगे, जिस पर आयोग में सुनवाई चलेगी।