लोकसभा: सांसद वर्षा गायकवाड के जवाब में बोले माझी - विश्वकर्मा योजना के तहत 20 करोड़ लोगों को मिला रोजगार, जर्मनी के अनाथालय से बच्ची लाने की भी मांग
- लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाया मुद्दा
- एमएसएमईज़ की दुर्दशा को लेकर सवाल उठाया
- जर्मनी के अनाथालय से बच्ची लाने की मांग
- गणेश सिंह ने सरकार से की यह मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार ने लगभग 20 करोड़ लोगों को रोजगार देने का पुख्ता प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सरकर हर क्षेत्र में, हर तरह से एमएसएमईज़ को आगे बढाने के लिए काम कर रही है। सांसद वर्षा गायकवाड ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एमएसएमईज़ की दुर्दशा को लेकर सवाल उठाया था। इस मसले के जवाब में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने यह जानकारी दी। सांसद गायकवाड ने कहा कि सरकार एमएसएमई के क्षेत्र को बढ़ाने की बात करती है, लेकिन असलियत यह है कि देश में 49,000 एमएसएमईज़ बंद हुई है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां 45,000 में से 12,000 एमएसएमईज़ बंद हुई है। यही नहीं बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करने वाली सरकार ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के बजट में सिर्फ 500 कंपनियों को ही शामिल किया है। उन्होंने बाकी एमएसएमईज़ को शामिल नहीं करने को लेकर पूछे सवाल पर मंत्री ने कहा कि उद्यम पोर्टल पर 4.8 करोड़ लोगों को पंजीकृत किया गया है।
जर्मनी के अनाथालय में रह रही बच्ची को भारत वापस लाया जाए : सांसद म्हस्के
ठाणे संसदीय क्षेत्र के सांसद नरेश म्हस्के ने गुरुवार को लोकसभा में पिछले 36 महीने से जर्मनी के एक अनाथालय में रह रही साढ़े तीन साल की बच्ची अरिहा शाह को भारत वापस लाने की मांग उठाई। सांसद म्हस्के ने इस मुद्दे को उठाते हुए सदन को बताया कि भावेश शाह और धारा शाह उनके संसदीय क्षेत्र में आने वाले मीरा-भायंदर के निवासी है। पिछले कई वर्षों से वे जर्मनी में रह रहे है। अरिहा को मामूली डांट-डपट करने के कारण बाल सुरक्षा अधिकारियों ने उसे पैरेंट्स से छीनकर फोस्टर केयर सेंटर में रखा है। पिछले 36 महीने से यह बच्ची फोस्टर केयर सेंटर में रह रही है और उसके पैरेंट्स बच्ची को वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे है, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि वह मामले में तत्काल हस्तेक्षप करें और जर्मन सरकार से बातचीत करके बच्ची को भारत वापस लाने की व्यवस्था की जाए।
गणेश सिंह ने सरकार से की यह मांग
सतना संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य गणेश सिंह ने सरकार से मांग की है कि 18 से 25 वर्ष के उन युवकों को जो अपने गृह नगरो से दूर निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं, कोचिंग के लिए जाते हैं अथवा अध्यन के लिए जाते हैं, उन्हें वैसे ही वोट देने के अधिकार दिए जाए जैसे की केंद्रीय कर्मचारियों को अपने गृह नगरों से बाहर कार्य करने के दौरान वोट देने का अधिकार होता हैं। गणेश सिंह ने गुरूवार को सदन में अध्यक्ष की अनुमति से इस विषय को उठाते हुए कहा कि अभी हाल ही सम्पन्न हुए लोक सभा चुनाव में कई क्षेत्रों में देखने को मिला कि बहुत कम प्रतिशत मतदान हुआ है जो बहुत चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कम मतदान का एक बहुत बड़ा कारण उपर्युक्त तरह के युवक समय पर अवकाश नहीं मिलने अथवा आर्थिक कठिनाई के चलते या समय पर टिकिट नहीं मिलने के चलते वोट देने नहीं आ पाते, इसलिए ऐसे लोगों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह वोट देने का अधिकार प्रदान किया जाए।