आदिवासी को मृत घोषित हड़पी जमीन, राजस्व विभाग पर मिलीभगत का आरोप
विगढ़ के देवरी मझगवां का मामला
डिजिटल डेस्क,कटनी।
सीधी का यूरिन कांड अभी ठंडा भीनहीं पड़ा था कि जिले के विजयराघवगढ़ तहसील के ग्राम मझगवां में आदिवासी को मृत घोषित कर मेनरोड की डेढ़ एकड़ जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। पीडि़त आदिवासी रतिया पिता हरिप्रसाद कोल निवासी कलहरा ने तहसीलदार को आवेदन देकर कार्यवाही की मांग गई है। तहसील अधिवक्त संघ के अध्यक्ष एडवोकेट नूर मोहम्मद ने बताया कि गुडग़ड़ौंहा ग्राम पंचायत के कलहरा निवासी रतिया कोल का मृत्य प्रमाणपत्र ग्राम पंचायत देवरी मझगवां से दो माह पहले जारी कराकर उसके नाम पर दर्ज जमीन कटनी के निवासियों ने अपने नाम पर दर्ज करा ली और अब इस जमीन को बेचने की साजिश रची जा रही है। इस फर्जीवाड़े में पटवारी की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पटवारी ने भी प्रतिवेदन दिया है। रतिया को जब इस साशिज का पता चला तो वह अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष के पास पहुंचा। उपाध्यक्ष ने सभी रिकार्ड जुटाए एवं शुक्रवार को विजयराघवगढ़ तहसीलदार से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की। अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष ने मांग की है कि आदिवासी की जमीन हड़पने वालों सहित पटवारी, देवरी मझगवां के सरपंच, सचिव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाए एवं पीडि़त की जमीन वापस उसके नाम पर दर्ज हो।
सर्टिफिकेट से पिता का नाम नदारद
रतिया को इतने सुनियोजित तरीके से मृत घोषित किया गया कि मृत्यु प्रमाणपत्र में पिता का नाम ही गायब कर दिया। जबकि नियमानुसार पुरुष के मृत्यु प्रमाण पत्र पिता और महिला के प्रमाणपत्र में पति का नाम अनिवार्य रूप से अंकित किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं मृतक के नाम की अचल सम्पत्ति वारिश के नाम पर दर्ज होती है लेकिन राजस्व कर्मचारियों ने ऐसे लोगों के नाम पर रतिया की जमीन दर्ज कर दी, जिन्हे वह जानता भी नहीं है। अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष कहते हैं कि यह तो एक मामला सामने आ गया, ऐसे पता नहीं और कितने मामले होंगे, जिनमें इस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया होगा।