आईएचएसडीपी आवासों में कब्जा कराकर वसूली का खेल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-17 11:05 GMT

गरीबों को सस्ते आवास देने 16 साल पहले बनी आईएचएसडीपी योजना का हश्र भी सुनियोजित तरीके से ट्रांसपोर्टनगर की तरह कर दिया गया। यहां खाली पड़े आवास नगरनिगम के कर्मचारियों के लिए वसूली का जरिया बन गए। जब तक नगर निगम परिसर में इस बात की चर्चाएं होती रहती थीं कि आईएचएसडीपी के मकानों में कब्जा कराकर वसूली का खेल चल रहा है लेकिन जिम्मेदारों ने हर मामले की तरह चुप्पी साध ली। पिछले दिनों रुपये लेते जिस दैनिकभोगी कर्मचारी का वीडियो वायरल हुआ था, आवास आवंटन के लिए नगर निगम ने उसे ही दस्तावेज प्राप्त करने की जिम्मेदारी सौंप रखी थी। नगर निगम ने इस मामले में भी तब एक्शन लिया जब कलेक्टर ने कार्यवाही के निर्देश दिए। उस पर भी केवल नोटिस जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री करने का प्रयास किया गया।

चार साल पहले हुआ था बेदखली का निर्णय

एमआईसी ने चार साल पहले 5/2/2019 की बैठक में आईएचएसडीपी आवासों में अनाधिकृत तौर पर रहने वालों को बेदखल करने निर्णय लिया था। तब से अब तक नगर निगम के कर्णधार अवैध कब्जा करने वालों को हटा नहीं सके। तब भी नगर निगम की ओर से हर बार की तरह नोटिस का खेल किया गया था। नगर निगम ने हाल ही में जब आवास खाली कराने का प्रयास किया तो अवैध कब्जों से जेब भरने वालों ने कब्जाधारियों को ढाल की तरह उपयोग करने का प्रयास किया लेकिन वीडियो वायरल होते ही उनकी कलई खुल गई।

इनका कहना है

आईएचएसडीपी आवासों के आवंटन के नाम पर जिस दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी का रुपये लेते हुए वीडियो वायरल हुआ है, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है।

- सत्येन्द्र सिंह धाकरे, निगमायुक्त

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