जबलपुर: सुको के आदेश के बाद भी क्यों नहीं दिया वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ
- प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डीन को अवमानना नोटिस
- नियमानुसार 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाला कर्मी एक जुलाई से मिलने वाली वेतनवृद्धि का अधिकारी होता है
- शासन की ओर से बताया गया था कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सेवानिवृत्त प्रोफेसर को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ क्यों नहीं दिया गया।
एक अवमानना याचिका पर जस्टिस डीडी बंसल की एकलपीठ ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान एवं सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर की डीन गीता गुईन को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब माँगा है।
जबलपुर निवासी डॉ. पुष्पा किरार की ओर से याचिका दायर कर बताया गया कि वे 30 जून 2015 को प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने बताया कि नियमानुसार 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाला कर्मी एक जुलाई से मिलने वाली वेतनवृद्धि का अधिकारी होता है।
शासन की ओर से बताया गया था कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस पर हाई कोर्ट ने यह कहकर याचिका निराकृत कर दी थी कि यदि सुप्रीम कोर्ट उक्त लाभ देता है याचिकाकर्ता को भी उसका लाभ दिया जाए।
इसके बाद 11 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को उक्त लाभ देने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता के आवेदन के बावजूद लाभ नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई।