जबलपुर: बिजली के दाम बढ़ाने के बजाय घटाने की जरूरत

  • विद्युत नियामक आयोग के समक्ष सुनवाई में रखा पक्ष
  • कंपनियों को 23 सौ करोड़ का मुनाफा हुआ है इसलिए दाम घटाने पर विचार किया जाना चाहिए
  • दाम बढ़ाकर जनता पर आर्थिक बोझ डालने की आवश्यकता नहीं है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-07 08:33 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी व अन्य तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को बिजली के दाम का टैरिफ बढ़ाने की बजाय घटाना चाहिए, क्योंकि कंपनियाँ लगातार प्रॉफिट में हैं और दाम बढ़ाकर जनता पर आर्थिक बोझ डालने की आवश्यकता नहीं है।

ये दावा मंगलवार को शहर के बिजली मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने विद्युत नियामक आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान पेश किया।

कम्पनियों द्वारा बिजली के दाम बढ़ाए जाने के प्रस्ताव के बाद श्री अग्रवाल ने आयोग के समक्ष याचिका पेश की थी, उसी याचिका पर सुनवाई हुई।

श्री अग्रवाल ने बिजली कंपनियों के 18 सौ 37 करोड़ के घाटे की बात के उलट कहा कि कंपनियों को 23 सौ करोड़ का मुनाफा हुआ है इसलिए दाम घटाने पर विचार किया जाना चाहिए। श्री अग्रवाल ने आयोग के समक्ष पक्ष रखते हुए कहा कि टैरिफ बढ़ाने नहीं, बल्कि 10 से 15 फीसदी घटाने की जरूरत है।

आयोग की ओर से अध्यक्ष एसपीएस परिहार, सदस्य तकनीकी प्रशांत चतुर्वेदी द्वारा सुनवाई की गई।

निजी कंपनियों से बिजली खरीदी का मुद्दा भी उठाया

सुनवाई के दौरान श्री अग्रवाल द्वारा निजी बिजली कंपनियों से महँगी बिजली खरीदी का मुद्दा भी उठाया गया।

उनका आरोप था कि बिजली कंपनियों ने निजी कंपनी से 1.3 करोड़ यूनिट 13 करोड़ में ऐसे समय बिजली की खरीदी की जब प्रदेश में बिजली सरप्लस में थी और प्रदेश में अन्य प्रदेश को बिजली बेची।

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