जबलपुर: साल में एक बार भी चालू नहीं हो पाता गुलौआ ताल का म्यूजिकल फाउंटेन
सवा करोड़ लगाने के बाद नगर निगम ने खिलौना बना दिया, दर्शक दीर्घा भी इसलिए बनाई गई कि इसमें बैठकर संगीत के आनंद के साथ मनोरम दृश्य को निहारा जाए
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
गुलौआताल में जिस तरह वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट का पूरा प्लान चौपट कर दिया गया है ठीक उसी तरह से इस तालाब में म्यूजिकल फाउंटेन को शोपीस बना दिया गया। सवा करोड़ की लागत से इस फाउंटेन के लिए पूरा सिस्टम बनाया गया। इसमें एक अलग रूम सहित म्यूजिक सिस्टम जैसे प्रबंध किये गये, पर अफसोस इसकी देखरेख करने वालों ने कुछ माहों के अंदर ही इस पूरे सिस्टम को ठिकाने लगा दिया। जब निर्माण हुआ तो इसको सराहा भी गया और लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र के साथ तालाब की सुंदरता बढ़ायेगा, बहुत उपयोगी होगा पर देखरेख करने वाले अधिकारियों ने इसको अपने ढर्रे पर सब कुछ बर्बाद करने में देरी नहीं की। अभी फाउंटेन में 4 अलग-अलग तरह के फव्वारे चलते तो हैं लेकिन संगीत की लय के साथ फव्वारा चलेगा ऐसा कुछ नहीं है। कभी-कभी रस्मअदायगी के नाम पर गाना बजाने के साथ पूरा बड़ा फाउंटेन जरूर चला दिया जाता है और इसको म्यूजिकल फाउंटेन नाम दे दिया जाता है।
नुकीली कीलें घायल करती हैं
ताल के चारों ओर पाथवे के किनारे बैठने के लिए जो हिस्सा बनाया गया है उसमें लकड़ी के पटिया लगाये गये हैं। अब इन हिस्सों में जो कीले लगी थीं वे लकड़ी में दीमक लगने के साथ उभरकर लोगों को घायल कर रही हैं। लोगों के बैठने के लिए बनाया गया पूरा हिस्सा बीते सालों में खराब हो गया है। विशेष बात यह है कि इसको दुरुस्त बनाने की कोशिश भी नहीं की जा रही है जिससे कुछ राहत मिल सके।
मूल उद्देश्य यह था
ताल में जहाँ पर म्यूजिकल फाउंटेन को लगाया गया है उसके एकदम सामने की ओर दर्शक दीर्घा भी बनाई गई है। इस दीर्घा को बनाते वक्त यह कल्पना की गई थी कि सोशल गैदरिंग के दौरान संगीत के साथ फव्वारा चलेगा और संगीत के आनंद के साथ कुदरती माहौल में चर्चा की जा सकेगी। लोगों का कहना है कि सभी के लिहाज से ताल में संसाधन जुटाये गये, यहाँ पर प्रबंध किये गये पर अफसोस माॅनीटरिंग करने वालों ने कुछ समय में यह सब कुछ चौपट कर दिया।