जबलपुर: रिंग रोड पर 80 किलोमीटर के बीच का हिस्सा 24 माह में किया जाएगा तैयार
- रिंग रोड का अंतिम हिस्सा कुण्डम रोड अमझर घाटी से बरेला शारदा मंदिर तक बनना है।
- मानसून सीजन तक इसमें शुरुआती छोटे निर्माण पूरे कर लिये जायेंगे।
- काम को गर्मियों के सीजन में तेज गति से पूरा किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रिंग रोड पर शुरुआती हिस्से का काम बीते साल से चालू कर दिया गया है तो अब इसके बीच के 3 हिस्सों में भी सभी तरह की एनओसी मिलने के बाद वर्क आरंभ कर दिया गया है।
बीच के तीन हिस्से वहाँ से आरंभ होते हैं जहाँ से पहला हिस्सा खत्म होता है। शुरुआती हिस्सा शारदा मंदिर बरेला से चूल्हा गोलाई मानेगाँव तक 16 किलोमीटर के दायरे में है। इसके बाद तीन हिस्से में चूल्हा गोलाई मानेगाँव से भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन से होते हुये पनागर कुशनेर और घूमते हुये कुण्डम रोड अमझर घाटी तक आते हैं।
यह तीन हिस्सों का घेरा 80 किलोमीटर का है, वैसे पूरी रिंग रोड 108 किलोमीटर के दायरे में बन रही है और इसकी निर्माण लागत 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक है। विशेष बात यह है कि जो बीच के हिस्से हैं इनको बनाने का टारगेट दो साल रखा गया है।
पर्यावरण संबंधी एनओसी दिल्ली से मिलने के बाद रिकाॅर्ड 24 माह में रिंग रोड के इन हिस्सों को पूरा करने का टारगेट है। एनएचएआई के प्राेजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू कहते हैं काम को गर्मियों के सीजन में तेज गति से पूरा किया जाएगा। मानसून सीजन तक इसमें शुरुआती छोटे निर्माण पूरे कर लिये जायेंगे।
दिल्ली से मिली पर्यावरण एनओसी के साथ एनएचएआई ने काम किया चालू
बीच के 3 हिस्से कुछ ऐसे बनेंगे
मानेगाँव चूल्हा गोलाई से भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन तक
इस हिस्से की कुल लंबाई 20.37 किलोमीटर
भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन से पनागर कुशनेर तक
इसमें सड़क का कुल निर्माण एरिया 36.30 किमी
कुशनेर पनागर से कुण्डम अमझर की घाटी तक
इसमें रिंग रोड बनाई जाएगी 23.30 किलोमीटर के दायरे में
-इस तरह बीच के तीन हिस्से 80 किमी के बनेंगे
अंतिम हिस्से से एयरपोर्ट जुड़ेगा
रिंग रोड का अंतिम हिस्सा कुण्डम रोड अमझर घाटी से बरेला शारदा मंदिर तक बनना है। इस अंतिम हिस्से में ही अमझर घाटी से डुमना एयरपोर्ट की सीमा तक 15 किलोमीटर के दायरे में नई फोरलेन सड़क बनेगी।
इसको लेकर भी स्वीकृति बीते माह दी गई है। रिंग रोड का अंतिम हिस्सा 700 करोड़ की लागत से बनना है इसके लिए टेण्डर की प्रक्रिया केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय पूरी कर रहा है। इसमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 80 फीसदी पूरी होने पर इसमें काम आरंभ करने का टारगेट रखा गया है। कुल पाँच हिस्सों में रिंग रोड को बनाया जाना है।