जबलपुर: 36 में से 22 वेयर हाउस प्रशासन ने खाली कराए
- केवल एफएक्यू पास धान ही उठाई जाएगी
- कलेक्टर ने दिए अधिकारियों को निर्देश
- जाँच टीम ने धान की गुणवत्ता को परखा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिले में जिन वेयर हाउसों में अवैध रूप से धान को संग्रहित किया गया था, उसका निराकरण करने के लिए पिछले दिनों कलेक्टर ने यहाँ का निरीक्षण किया था। जाँच में 36 वेयर हाउसाें में संचालकों द्वारा अवैध रूप से किसानों से धान संग्रहित करना पाया गया था, जिसके बाद यहाँ भोपाल से आई जाँच टीम ने धान की गुणवत्ता को परखा था। अभी तक 36 में से 22 वेयर हाउसों की धान को खाली कर लिया गया है।
शेष बची हुई 14 वेयर हाउसों में रखी धान की जाँच की जा रही है। यहाँ की धान के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए कि केवल एफएक्यू पास धान का ही उठाव किया जाए। खराब धान को रिजेक्ट कर दिया जाए। वेयर हाउसों में रखी धान की जाँच भोपाल से आई टीमों द्वारा की जा रही है।
जो जाँच में सहयोग नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध होगी कार्रवाई -
पिछले दिनों कलेक्टर ने जिले के कई वेयरहाउसों का दौरा किया था तथा यहाँ पर रखी धान की जाँच के लिए वेयरहाउस संचालकों से बातचीत की थी। साथ ही कहा था कि जब तक यहाँ रखी धान की गुणवत्ता पूरी तरह से परख नहीं ली जाती, तब तक उसे उठाया नहीं जा सकता।
जाँच में जो सहयोग करेंगे, उनकी परेशानी को समझा जाएगा और जो नहीं करेंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बताया जाता है प्रशासन को 19 जनवरी तक धान खरीदी का काम पूरा करना है। इसके बाद 36 में से शेष बचे 14 वेयरहाउस संचालकों में से कुछ के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। धान पंजीयन कराने वाले किसानों की जाँच भी शुरू हो गई है।
जाँच में पकड़े जा रहे फर्जी पंजीयन, होगी कार्रवाई
फर्जी किसान और सिकमीनामे का पंजीयन करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेकर इसे क्राॅस चेक करने वाले प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक कोई जाँच शुरू नहीं हुई है। पंजीयन के बाद सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दी गई थी।
उन्होंने जिन्हें सही पाया, वह अब फर्जी निकल रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन ने अभी तक कोई जाँच शुरू नहीं की है। जाँच के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई होगी।
खरीदी केंद्र बनाने में भी हुई गड़बड़ी
बताया जाता है कि उपार्जन केंद्र बनाने में भी गड़बड़ी सामने आई है। धान को किसी भी वेयरहाउस में स्टोर नहीं किया जाना था, बल्कि सीधे राइस मिलरों में धान पहुँचाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
जिले में ज्यादातर राइस मिलों के परिसर में गोदाम स्थापित हैं, जहाँ प्राथमिकता के आधार पर केंद्र स्थापित किए जाने थे, जिसके चलते परिवहन की समस्या नहीं आती और जो राज्य सरकार द्वारा उपार्जन नीति तैयार की गई थी, उसमें भी सबसे पहली प्राथमिकता में थी, लेकिन जिले में चार गोदाम को छोड़कर किसी भी राइस मिलर की गोदाम में केंद्र स्थापित नहीं किया गया। अधिकारियों द्वारा वहाँ केंद्र स्थापित न करके वहाँ से सटे हुए अन्य गोदाम में ही उपार्जन केंद्र खोले गए।
जिले के 36 में से 22 वेयरहाउस से धान की तुलाई कर परिवहन कर लिया गया है। अभी 14 वेयरहाउस में धान रखी है। धान की गुणवत्ता की जाँच की जाएगी। गुणवत्ता वाली धान का उठाव कर लिया जाएगा।
- दीपक सक्सेना, कलेक्टर