मालवीय चौक से घंटाघर की सीमा तक दशकों में सड़क चौड़ी नहीं हो सकी
जिस सड़क को फोरलेन बनना चाहिए वह अभी भी कस्बाई हालात में, चौराहों पर ठेलों के कब्जे तो सड़क के सामने दुकानों की सामग्री पसरी
डिजिटल डेस्क जबलपुर।
मालवीय चौक से करमचंद चौक की सीमा तक सड़क को चौड़ा करने की पर्याप्त गुंजाइश है पर इस मार्ग को दशकों में चौड़ा नहीं किया जा सका। अब सालों से जिस हिस्से में डामर लपेटा जा रहा है उसी में सड़क को कब्जों के बीच जैसे-तैसे चालू हालत में रखा जाता है। इसी तरह करमचंद चौक से घंटाघर की सीमा तक सँकरी सड़क पूरी तरह से यातायात को जाम रखती है। इस हिस्से में मार्केट के सामने वाहन पार्क कर दिये जाते हैं और शाम के वक्त मालवीय चौक और करमचंद चौक पर फल, सब्जी के ठेले सड़क पर निकलने वालों का रास्ता रोकते हैं। इस तरह यह पूरा इलाका कस्बाई हालत में है। इस हिस्से में कभी नगर निगम का अतिक्रमण हटाने वाला दस्ता नजर ही नहीं आता है। अभी फिलहाल हालत बेहद बदतर हैं। अस्थाई कब्जों की वजह से इस पूरे एक से डेढ़ किलोमीटर के इलाके में पीक ऑवर्स में बेहद पीड़ादायक स्थिति निर्मित होती है।
सड़क चौड़ी हो नहीं सकती तो फ्लाईओवर बनाएँ
लोगों का कहना है कि मालवीय चौक, करमचंद चौक और इसके आगे घंटाघर तक सड़क को सघन हिस्से की वजह से चौड़ा नहीं किया जा सकता है तो इस हिस्से में छोटा फ्लाईओवर ही बना दिया जाए जिससे निकलने वालों को रास्ता मिल सके। 800 या एक हजार मीटर का फ्लाईओवर इस हिस्से को नया जीवन दे सकता है। 35 से 40 करोड़ रुपए के इन्वेस्ट में इस पूरे एरिया को बेहतर स्थिति में लाया जा सकता है।
हाॅकर जोन मिले तो स्थिति बदले
अस्थाई कब्जे जो फल, सब्जी के ठेले, गुमटी और अन्य ऐसे ही अतिक्रमण हैं इनके कब्जे अलग हों और रोजगार भी मिले इसको लेकर लोगों का कहना है कि इसका अब स्थाई समाधान यही है कि यहाँ जो फल, सब्जी के ठेले रास्ता रोककर लगते हैं उनके लिए स्थाई हाॅकर जोन की व्यवस्था की जाए। श्रीनाथ की तलैया के आसपास या अंदर यह हाॅकर जोन बनाया जा सकता है जिससे रास्ते में कब्जे अलग किये जा सकते हैं। अभी शाम के वक्त तो इन ठेलों की वजह से इस पूरे हिस्से में एक-एक पग भारी हो जाता है।