जबलपुर: संपत्ति कर के उद्यमियों को जारी नोटिस निरस्त किए जाएँ

  • महाकोशल चेंबर के प्रतिनिधियों की बैठक में हुई चर्चा
  • नोटिसों को तत्काल निरस्त करने की माँग की है
  • पूर्व कलेक्टर और पूर्व नगर निगम आयुक्त के साथ हुई बैठक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-11 09:24 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।  महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नगर निगम द्वारा शासकीय औद्योगिक क्षेत्रों के अधिभोगी उद्योगों पर जारी संपत्ति कर के नोटिस को असंवैधानिक करार देते हुए उनकी आपत्ति प्रस्तुत कर इन नोटिसों को तत्काल निरस्त करने की माँग की है।

इस संबंध में आयोजित बैठक में चेम्बर अध्यक्ष रवि गुप्ता एवं उपस्थित सदस्यों को बताया गया कि इस संबंध में पूर्व कलेक्टर और पूर्व नगर निगम आयुक्त के साथ हुई बैठक में मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं के तहत बिन्दुवार प्रस्तुत किया कि संपत्ति कर के भुगतान का दायित्व संपत्ति स्वामी का है।

धारा 141(2) के तहत संपत्ति स्वामी पर लगाए जाने वाला संपत्ति कर विभिन्न नियमों के तहत अधिभोगी से भी माँगा जा सकता है।

आयुक्त नगर निगम द्वारा प्रस्तुत बिन्दुओं पर मुख्यालय से मार्गदर्शन चाहा गया था एवं उसकी प्रत्याशा कार्रवाई स्थगित करने का निर्णय हुआ था। नगर निगम द्वारा प्रथमत: तो संपत्ति कर की माँग संपत्ति स्वामी उद्योग विभाग को देयक प्रस्तुत कर करनी चाहिए।

इस संबंध में विगत में उद्योग विभाग द्वारा पत्र जारी कर नगर निगम को लिखा गया था परंतु नगर निगम अधिकारियों द्वारा अधिनियम की धाराओं का पालन न करते हुए संपत्ति के अधिभोगी उद्योगों को संपत्ति कर का नोटिस जारी करना पूर्णत: असंवैधानिक है।

इससे उद्यमियों में रोष व्याप्त है। कार्रवाई के लिए उत्तरदायी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की माँग की गई है। बैठक में मानसेवी मंत्री शंकर नाग्देव, अनूप अग्रवाल, कमल चड्डा, सुरेश जैन, सिद्धांत जैन, कपिल परवानी, केवल सावलानी, राजेंद्र ताम्रकार, हर नारायण सिंह राजपूत, निलेश अग्रहरि, राजेंद्र सूद, सुनील बजाज, प्रदीप कोटवानी आदि उपस्थित रहे।

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