जबलपुर: एरियर्स के साथ करें पाँचवें व छठवें वेतनमान का भुगतान- हाई कोर्ट

  • 19 साल बाद मिला न्याय, कर्मचारी की हो चुकी मौत, पत्नी ने लड़ी कानूनी लड़ाई
  • याचिकाकर्ता एक जनवरी 1996 से एक जनवरी 2006 तक प्रभावी उक्त वेतनमान का लाभ पाने का हकदार है
  • याचिका के लंबित रहते 2020 में याचिकाकर्ता की मृत्यु हो गई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-06 10:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आयुक्त उच्च शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता दिवंगत कर्मचारी की पत्नी को पाँचवें व छठवें वेतनमान का लाभ देते हुए एरियर्स समेत पूर्ण राशि का भुगतान करें।

जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने इसके लिए 60 दिन की मोहलत दी है। इस मामले में 19 साल बाद न्याय मिला। याचिकाकर्ता कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी ने कानूनी लड़ाई जारी रखी।

जबलपुर निवासी जगमोहन दीक्षित ने वर्ष 2005 में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक वर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता अनुदान प्राप्त कॉलेज में क्राफ्ट टीचर के पद पर कार्यरत था।

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने क्राफ्ट टीचर्स के साथ भेदभाव करते हुए उन्हें रिवाइज्ड पे-स्केल का लाभ नहीं दिया। याचिकाकर्ता एक जनवरी 1996 से एक जनवरी 2006 तक प्रभावी उक्त वेतनमान का लाभ पाने का हकदार है।

इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को कई अभ्यावेदन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिका के लंबित रहते 2020 में याचिकाकर्ता की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी पत्नी सीमा दीक्षित ने कानूनी लड़ाई जारी रखी।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वे इस ऑर्डर की कॉपी के साथ 15 दिन के भीतर आयुक्त उच्च शिक्षा को अभ्यावेदन दें। आयुक्त अभ्यावेदन पर विचार कर 60 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता को लाभ प्रदान करें।

प्राणघातक हमले पर पाँच-पाँच वर्ष का कारावास

अपर सत्र न्यायाधीश साेम पांडे की अदालत ने पुरानी रंजिश के चलते युवक पर चाकू से प्राणघातक हमला करने के आरोपी अंकित त्रिपाठी, उसके भाई अमित त्रिपाठी व उनके साथी आशीष उर्फ राजा बर्मन को पाँच-पाँच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, साथ ही एक-एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

अभियोजन की ओर से एजीपी लहर दीक्षित ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 28 जुलाई, 2019 को फरियादी अरुण दीक्षित रात्रि करीब पौने आठ बजे पैदल अपने घर से पचमठा मंदिर की तरफ जा रहा था।

उसी समय अंकित त्रिपाठी उसके पास पहुँचा और आगे का रास्ता पूछकर चला गया। जैसे ही अरुण मोड़ पर मुड़ा, उसी समय अंकित ने उसकी पीठ में चाकू घोंप दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर गिर गया। अंकित अपने भाई अमित व साथी आशीष उर्फ राजा के साथ मोटर साइकिल से फरार हो गया।

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