हमारा मत है हिफाजत में- स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुँचना तो दूर, देखना भी मुश्किल

3 दिसम्बर को मतगणना के पूर्व सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में खोला जाएगा और उसके बाद शुरू होगी मतगणना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-18 17:42 GMT

डिजिटल डेस्क जबलपुर। विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में कैद हम और आप सभी के मतों को भारी हिफाजत के बीच जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। स्ट्रॉन्ग रूम में पहुँचना तो दूर की बात है इसे देखना भी काफी मुश्किल है। पुलिस बल की हर तरफ मौजूदगी के चलते यहाँ परिंदा भी पर नहीं मार पा रहा है। फस्र्ट फ्लोर पर बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम पर नजर रखने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के लिए नीचे व्यवस्था की गई है लेकिन अभी तक किसी दल ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है।

मतदान दलों का शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात और सुबह तक एग्रीकल्चर विवि में आगमन होता रहा। इसके बाद सुबह 11 बजे स्ट्रॉन्ग रूम को सील कर िदया गया और सुरक्षा बैठा दी गई। अब वहाँ किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। 3 दिसम्बर को मतगणना के पूर्व सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसको खोला जाएगा और उसके बाद मतगणना शुरू होगी। इसके िलए 14 टेबल लगाई गई हैं। एक राउंड 14 मशीनों का होता है। इमारत के बाहर बड़ी स्क्रीन लगाई गई है, जिसमें स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर लगे कैमरों का सीधा प्रसारण हो रहा है। यहाँ से भी नजर रखी जा रही है।

मतदान कर्मियों को परेशान िकया गया-

बताया जाता है िक रात 3 बजे तक जब दल मतदान कराकर लौटा और ईवीएम और अन्य सामग्री जमा करने की कोशिश की तो वहाँ मौजूद कर्मचारियों से उनकी बहस होती रही। कोई रिसीव देने तैयार नहीं था। इससे भी बड़ी बात कि मतदान दलों को जो सामग्री िवतरित की गई थी, उसमें कहीं लिफाफे नहीं थे तो कई बूथों तक प्रपत्र नहीं पहुँचे थे। वापसी टीम की सामग्री जाँचने मास्टर ट्रेनर गायब थे। कई टीमों के कर्मियों को डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा और जब वे आए तो मशीनें रखने वाले प्यून और पटवारी तक गायब हो गए। कई टीमों को आईकार्ड तक नहीं िमले थे, जिससे कर्मचारी पशोपेश में थे। कुल मिलाकर भले ही मतदान शांतिपूर्वक और आसानी से हो गया लेकिन व्यवस्थाओं में भारी कमी थी।

ठंड ने भी हलाकान किया-

एग्रीकल्चर विवि खुले वातावरण में है और वहाँ शहर की तुलना में ठंड का असर काफी अधिक होता है। सुबह 4 बजे जब मतदान दल वहाँ से वापस लौटे तो कुछ कर्मी ठंड से काँप रहे थे। अब ऐसे में यहाँ दिसम्बर की ठंड कहर बरपाएगी तब क्या हाल होगा, यह अभी से समझा जा सकता है। 

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