दसवीं- बारहवीं बोर्ड परीक्षा: आधे शिक्षक ही पहुँचे मूल्यांकन करने नतीजा आधी कॉपियाँ ही चैक हो पाईं

  • 350 मूल्यांकनकर्ता मोर्चे पर डटे, ढाई में से डेढ़ लाख कॉपी अभी भी बचीं
  • दसवीं की विज्ञान और 12वीं गणित की कॉपियों के मूल्यांकन की शुरुआत हो गई है।
  • माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार बोर्ड परीक्षाओं काे लेकर कई बदलाव किए हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-14 12:27 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीस दिनों के बाद भी दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा काॅपियों के मूल्यांकन में रफ्तार नहीं आई है। यही वजह है कि ढाई लाख में से सिर्फ एक लाख कॉपियाँ ही चैक हो पाई हैं।

इसके पीछे वजह है कि 15 सौ शिक्षक मूल्यांकन के लिए रिजर्व रखे गए, लेकिन एमएलबी में अब तक 350 ही पहुँच पाए हैं। 22 फरवरी से शुरू कराए गए मूल्यांकन में अभी भी तेजी नहीं आई है। जानकारों का कहना है कि पर्याप्त मूल्यांकनकर्ता होने के बावजूद शिक्षकों की कमी बनी हुई है।

दूसरी तरफ रिजल्ट शीघ्र घोषित करने के लिए पहले से ही शिक्षा विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं। मूल्यांकन में बुधवार को तीसरे चरण की शुरुआत की गई। दसवीं की विज्ञान और 12वीं गणित की कॉपियों के मूल्यांकन की शुरुआत हो गई है।

जानकारों का कहना है कि इसमें तकरीबन एक सप्ताह का वक्त लग सकता है।

कहाँ से आईं कॉपियाँ, कहाँ गईं?

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार बोर्ड परीक्षाओं काे लेकर कई बदलाव किए हैं। मंडल ने परीक्षा में नकल और गड़बड़ियों को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था को बारकोड के जरिए गोपनीय रखा गया है।

जानकारों का कहना है कि कुछ वर्षों पहले तक परीक्षा काॅपियों पर लिखे रोल नंबर पर स्टीकर लगा दिया जाता था, लेकिन इसमें भी गड़बड़ी हो जाती थी। इस बार मंडल ने नया प्रयोग किया और मूल्यांकन केंद्र में जमा हो रहीं काॅपियोंं के रोल नंबर पर बारकोड स्टीकर लगाकर स्कैन कर दिया है।

दिल्ली से आई टीम ने यह पूरी प्रक्रिया पूरी की। बारकोड लगने के बाद अब शिक्षकों को भी यह मालूम नहीं हो सकता है कि कॉपियाँ किस जिले से आई हैं। यही हाल जबलपुर से बाहर भेजी गई कॉपियों का है।

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