जबलपुर: 20 अप्रैल से मदन महल स्टेशन के एक प्लेटफाॅर्म को करना होगा बंद

  • रेल पाँतों के ऊपर वर्क के लिए लोक निर्माण ने रेलवे से माँगा वक्त
  • दोनों विभाग के अधिकारियों ने निर्माण का जायजा लिया
  • जिस हिस्से में काम वहाँ का ट्रैफिक डायवर्ट होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-29 13:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मदन महल केबल स्टे ब्रिज का निर्माण दोनों छोर में पूरा हो चुका है, अब स्टेशन पर रेल पाँतों के ऊपर वाले हिस्से में इसका वर्क किया जाना बाकी है। कुल 30 मीटर लंबाई में स्टेशन के ऊपर इसका वर्क बचा है यह पूरा होते ही केबल स्टे ब्रिज पूरा बन जाएगा।

गुरुवार को रेल पाँतों के ऊपर वर्क को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने रेलवे के अधिकारियों के साथ निर्माण का जायजा लिया। लोक निर्माण विभाग ने 20 अप्रैल से स्टेशन पर मदन महल थाने वाले हिस्से के प्लेटफाॅर्म की ओर रेल पाँतों में ब्लॉक माँगा है।

रेल पाँतों के ऊपर वर्क के दौरान रेलवे को उन पाँतों के ऊपर ट्रैफिक को डायवर्ट करना होगा, साथ ही उस प्लेटफाॅर्म के हिससे में जनता का मूवमेंट भी रोकना होगा। विशेष बात यह है कि इसका वर्क 24 घंटे होगा।

मदन महल स्टेशन के ऊपर एक हिस्से में रेल पाँतों के ऊपर वर्क पूरा होने पर दूसरे हिस्से में वर्क किया जाएगा। अब रेलवे लोक निर्माण को शेड्यूल के अनुसार ब्लाॅक देगा। इसके लिए अधिकारियों के बीच चर्चा चल रही है इसी को लेकर निरीक्षण भी किया गया है।

कुछ ऐसा बन रहा है यह ब्रिज

यह केबल स्टे ब्रिज दमोहनाका मदन महल फ्लाईओवर के बीच की संरचना है जिसमें केबल स्टे ब्रिज की कुल लंबाई 385.5 मीटर है। इस ब्रिज में 193.5 मीटर का सिंगल स्पान जो रेल पाँतों के ऊपर है। 96 मीटर के दो एड्जेसेंट स्पान हैं।

इसकी कुल चौड़ाई 17 मीटर एवं जमीन से कुल ऊँचाई 37 मीटर है। यह ब्रिज मदन महल रेलवे स्टेशन के ऊपर से गुजर रहा है, जिसमें विशेष तकनीक “कास्ट इनसिटु फॉर्म ट्रैवल गण्ट्री “ का उपयोग किया जा रहा है।

एक बार में 5-5 मीटर के सेगमेंट की ढलाई की जाती है जिनका वजन 180-190 टन होता है। इसे बैलेंस कैंटलीवर तकनीक से बनाया जा रहा है। ब्रिज की निर्माण लागत अब 100 करोड़ के करीब है।

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