जबलपुर: साल भर छाया रहा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा, 14 नए जज मिले, 7 हुए सेवानिवृत्त
- यूँ तो संस्कारधानी का न्याय-मंदिर हर साल अपने अभूतपूर्व फैसलों के लिए जाना जाता है।
- वर्ष 2023 में भी कई ऐसे निर्णय हुए जो मील का पत्थर साबित हुए
- हालाँकि सबसे चर्चित मामला अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना का रहा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद हड़ताल पर बने रहने और काम पर नहीं लौटने के मामले में प्रदेश के 2624 अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया और 1938 वकीलों को अवमानना का कारण बताओ नोटस जारी किया गया। इसके अलावा स्टेट बार काउंसिल के सभी पदाधिकारियों के अलावा कुछ अधिवक्ता संघों के पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना के प्रकरण भी बनाए गए। यह मामला अभी लंबित है। हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से वकीलों के खिलाफ अवमानना के प्रकरण समाप्त भी कर दिए हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों को 25 पुराने चिन्हित प्रकरणों का हर तीन माह में निराकरण करने के निर्देश दिए थे। विरोध में स्टेट बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 23 से 25 मार्च तक राज्यव्यापी हड़ताल घोषित कर दी थी। हाईकोर्ट ने 24 मार्च को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सभी अधिवक्ताओं को आदेश दिए थे कि वे तत्काल काम पर लौटें। ऐसा नहीं करने पर अवमानना के प्रकरण बनाए गए।
नए साल से उम्मीद
आने वाले साल यानी 2024 से वकालत से जुड़े लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। हाईकोर्ट में फिलहाल जजों के 13 पद खाली हैं। आने वाले साल में कुछ और नए जजों की नियुक्ति संभावित है। वर्ष 2024 में मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन की नई बॉडी गठित होगी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय वर्मा का कहना है कि नए साल में जजों के स्वीकृत पद बढ़ाने के साथ-साथ अधिवक्ताओं के लिए भी कल्याणकारी कार्य कराने प्रयास होंगे।
लंबी सुनवाई में अटके ओबीसी व पीएससी के मामले
ओबीसी आरक्षण, पीएससी व आरक्षक भर्ती को लेकर दायर मामले चर्चा में रहे। इन याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के कारण ये अभी भी लंबित हैं, जिस कारण प्रदेश के हजारों युवाओं का भविष्य अधर में है। वर्ष 2019 में सरकार ने ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण दिया था। उसके बाद से ही हाईकोर्ट में इसे चुनौती देते हुए कई याचिकाएँ दायर हुईं। वर्तमान में ओबीसी आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में करीब 70 से अधिक याचिकाएँ लंबित हैं।
दशक बाद 40 से ज्यादा जज
हाईकोर्ट में करीब एक दशक बाद कार्यरत जजों की संख्या 40 के ऊपर पहुँची। वर्ष 2023 में मप्र हाईकोर्ट में 14 नए जजों की नियुक्ति हुई। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक-एक न्यायाधीश स्थानांतरित होकर मप्र हाईकोर्ट आए। वहीं मप्र में रहे जस्टिस सतीश शर्मा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने।
मिली बड़ी सौगात
जबलपुर हाईकोर्ट के लिए यह साल बड़ी उपलब्धि वाला रहा। हाईकोर्ट की नौ मंजिला अत्याधुनिक इमारत की नींव रखी गई। इसमें 61 कोर्ट रूम होंगे। पार्किंग के लिए दो बेसमेंट बनेंगे, जिसमें 4 सौ कार पार्किंग की सुविधा होगी।