जबलपुर: सुरक्षा पर बरती जा रही लापरवाही, स्टाफ का व्यवहार भी ठीक नहीं, यात्री परेशान
- रेल मदद में एक साल में शिकायतें 50 हजार के पार
- मंडल के अधिकारी गंभीर नहीं
- मंडल के अधिकारियों द्वारा इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रेल सफर के दौरान यात्रियों काे किसी भी प्रकार की असुविधा व शिकायत हो या फिर स्टेशन पर कोई दिक्कत आती है और अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं की जा रही है, तो यात्री रेल मदद में शिकायत कर सकते हैं।
रेलवे बोर्ड द्वारा यात्रियों को अपनी बात रखने और उसके निराकरण के लिए रेल मदद की सुविधा प्रदान की गई है। पिछले कुछ समय के रेल मदद के आँकड़े बताते हैं कि एक वर्ष में रेल मदद में 50 हजार से अधिक शिकायतें हुई हैं, जिनमें यात्रियों ने सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए सबसे अधिक शिकायतेें 18 हजार से अधिक सुरक्षा को लेकर की हैं।
वहीं दूसरी ओर दूसरे नंबर पर पानी की समस्याओं को लेकर करीब 6 हजार शिकायतें की गई हैं। यहाँ तक कि बेडराेल से संबंधित भी दो हजार से अधिक शिकायतें रेल मदद में पहुँची हैं।
रेल मदद में होने वाली शिकायतों पर रेलवे बाेर्ड स्तर पर बड़ी ही बारीकी से नजर रखी जा रही है। इतना ही नहीं विगत दिनों जबलपुर प्रवास के दौरान रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन श्रीमती सिन्हा भी यह बात स्वीकार चुकी हैं कि रेल मदद की वे खुद मॉनिटरिंग कर रही हैं और उसमें होने वाली शिकायतों काे गंभीरता से लिया जा रहा है।
इसके बाद भी कहीं न कहीं मंडल के अधिकारियों द्वारा इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है।
यात्रियों को हो रही असुविधा
सूत्रों की मानें तो ट्रेनों में सफर के दौरान करीब एक हजार यात्रियों ने रेल मदद में इस बात की भी शिकायत की है कि ट्रेनों में रेलवे स्टाफ का व्यवहार यात्रियों से ठीक नहीं होता है, जिससे उन्हें कई बार असुविधा का सामना करना पड़ता है।
वहीं बेडरोल से संबंधित प्राप्त दो हजार से अधिक शिकायतों में यह बात सामने आई है कि उन्हें जो बेडरोल दिए जाते हैं वे साफ नहीं होते हैं।
पार्सल विभाग की शिकायतें भी कम नहीं
स्टेशन से संबंधित लोगों की शिकायतों की बात करें तो स्टेशन के अलग-अलग विभागों को लेकर पाँच हजार से अधिक शिकायतें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा डेढ़ हजार से अधिक शिकायतें पार्सल विभाग से संबंधित हैं, जिसको लेकर यात्री कई बार तो स्टेशन पर उपस्थित अधिकारियों को सीधे शिकायत कर चुके हैं।