नर्मदा प्राकट्योत्सव: 16 फरवरी को मनाया जाएगा माँ नर्मदा का अवतरण दिवस
- कहीं वैदिक अनुष्ठान, तो कहीं चुनरी से होगा शृंगार
- शहर भर में होंगे आयोजन, तेज हुईं तैयारियाँ
- माँ नर्मदा के प्राकट्योत्सव की पूर्व संध्या पर 15 फरवरी को शाम 4 बजे गौरीघाट में 1100 फीट की चुनरी अर्पित की जाएगी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हिंदू धर्म में न सिर्फ देवी-देवताओं की भक्तिभाव से पूजा-उपासना करने की परंपरा है, बल्कि पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और नदियों की भी पूजा होती है। हिंदू धर्म में नदियों को बहुत ही पूज्यनीय माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को माँ नर्मदा का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है। इस बार 16 फरवरी को प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन धरती पर माँ नर्मदा का अवतरण हुआ था। प्राकट्योत्सव को लेकर शहर भर में तैयारियाँ प्रारंभ हो गई हैं।
माँ की महाआरती, चुनरी अर्पण, भंडारा, भक्ति संध्या सहित विविध आयोजन होंगे। पं. रोहित दुबे, आचार्य वासुदेव शास्त्री, पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री के अनुसार कलियुग में माँ नर्मदा की परिक्रमा का विशेष महत्व है।
नर्मदा नदी के महत्व के बारे में कहा गया है कि जो पुण्य गंगा में स्नान से प्राप्त होता है, वही पुण्य माँ नर्मदा के दर्शन मात्र से मिल जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव के द्वारा माँ नर्मदा का अवतरण हुआ था।
माँ नर्मदा उमाशंकर चुनरी भक्त समिति द्वारा माँ नर्मदा के प्राकट्योत्सव की पूर्व संध्या पर 15 फरवरी को शाम 4 बजे गौरीघाट में 1100 फीट की चुनरी अर्पित की जाएगी।
अर्पित की 2100 फीट की चुनरी
माँ नर्मदा चुनरी पदयात्रा समिति द्वारा रांझी, बड़ा पत्थर स्थित दुर्गा मंदिर से चुनरी पदयात्रा निकाली गई। संयोजक रामदास यादव ने बताया कि बारिश के बाद भी बड़े उत्साह के साथ श्रद्धालु माँ नर्मदा के जयकारे लगाते हुए पदयात्रा में शामिल हुए।
बारिश में भीगते हुए श्रद्धालु गौरीघाट पहुँचे, जहाँ महाआरती करके माँ को 2100 फीट की चुनरी अर्पित की गई। इस अवसर पर गोविंद यादव, नेम सिंह ठाकुर, एसएस चौहान, दिनेश रजक, लक्ष्मण समुंद्रे, शंकर सराफ, अमर सोनी, मनोज सोनी, संदीप यादव शामिल हुए।
अवकाश घोषित करने की माँग
प्राकट्योत्सव को महज 4 दिन बचे हुए हैं। इसके बाद भी गौरीघाट, जिलहरीघाट, तिलवाराघाट सहित अन्य घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यह आरोप लगाते हुए नमामि देवी नर्मदा सेवा समिति ने घाटों पर सफाई और रंग-रोगन करने की माँग की है।
समिति के अध्यक्ष सुजीत अवस्थी ने बताया कि अभी तक कोई काम घाटों पर नहीं किया गया है। कहीं लाइट बंद है तो कहीं भिक्षुकों का जमावड़ा लगा हुआ है। समिति का कहना है कि 16 फरवरी को पूर्ण अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।