जबलपुर: 800 मीटर के गढ़ा ओवर ब्रिज में 80 से ज्यादा कब्जे
मनमानी : एक हिस्से में फल-सब्जी के ठेले और गुमटी लगने से बढ़ जाता है हादसों का खतरा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
गढ़ा कछपुरा ओवर ब्रिज में इन दिनों फल-सब्जी की दुकानें और ऊपरी हिस्से में लगने वाले ठेलों ने सफर को खतरों से भरा बना दिया है। रात के वक्त लिंक रोड से आगे बढ़ते ही एक हिस्से में यहाँ से निकलना बेहद मुश्किलों से भरा हो गया है। जो ठेले और फल बेचने वाले कब्जा कर खड़े होते हैं उनके सामने मोटर साइकिल और वाहन खड़े हो जाते हैं अब आदमी के पास निकलते वक्त ज्यादा विकल्प होते नहीं, जैसे ही सामने से आने वाले वाहन से ध्यान हटा या गफलत की तो सीधे टक्कर हो जाती है। 800 मीटर का ओवर ब्रिज है लेकिन हालत ऐसी है कि इसमें 80 से 100 अस्थाई कब्जे हो रहे हैं। विशेष बात यह है कि अस्थाई कब्जे फुटपाथ से शुरू होकर घूमते हुये कहीं भी किये जा सकते हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम ने इस पूरे हिस्से में कब्जों को लेकर ध्यान देना बंद कर दिया जिससे अभी कुछ माहों से हालात और ज्यादा बदतर हो चले हैं।
आधी सड़क तक पार्किंग
इस ब्रिज पर खड़े होने वाले भी यहाँ जाम और दुर्घटना का कारण बनते हैं। शाम के समय जो लाेग ब्रिज के फुटपाथ पर जाकर खड़े होते हैं वे ब्रिज की सड़क को घेर वाहनों को पार्क करते हैं, इस स्थिति में ऊपरी हिस्से में निकलने के लिए जगह कम बचती है। शाम के समय ऑफिस या दोपहर को स्कूल छूटते वक्त तेज रफ्तार से निकलने वाले वाहन दुर्घटना का शिकार होते हैं। इस ब्रिज में अराजक कब्जों की वजह से हर साल 2 से 3 लोग मौत का शिकार तक हो रहे हैं।
अचानक फुटपाथ में फल बिकने लगे
इस ब्रिज में लिंक रोड चौराहे के करीब ब्रिज की शुरुआत से फुटपाथ पर सुबह-सुबह फल बिकने लगे हैं। लोगों का कहना है कि सड़क किनारे ऐसी दुकानें लगाना कोई नई बात नहीं है लेकिन इसके लिए स्थान तय होना चाहिए। ब्रिज की शुरुआत में कब्जा होने से एक हिस्से में पूरी जगह घिर जाती है जिससे निकलने के लिए बहुत कम जगह मिलती है। इन हालातों में यहाँ शाम के वक्त निकलना तो चुनौतियों से भरा हो जाता है। लोगों का कहना है कि अब आगे फेस्टिवल सीजन में यहाँ से निकलना और मुश्किल हो सकता है, इसके लिए जरूरी है कि कब्जों को जल्द से जल्द अलग किया जाए।