जबलपुर: बनाई जाए महाकौशल उद्योग संवर्धन समिति

  • जबलपुर के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्थापना की घोषणा की गई थी।
  • नये रिंग रोड में एग्रीकल्चर उद्योग के लिए इंडस्ट्रियल हब बनाया जाए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-19 10:53 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा रीजनल इंडस्ट्री काॅन्क्लेव की सफलता के लिए अपनी ओर से शासन-प्रशासन को कई सुझाव दिए गए। काॅन्क्लेव को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता ने चैंबर के अध्यक्ष प्रेम दुबे ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महाकौशल उद्योग संवर्धन समिति बनाने की आवश्यकता बताई, साथ ही कहा कि समिति का उपाध्यक्ष स्थानीय मंत्री या प्रभारी मंत्री को बनाया जाए।

समिति की समय-समय पर बैठक की जाए। उनका कहना था कि पूर्व में भी जबलपुर में इन्वेस्टर्स मीट हुई है और करोड़ों के निवेश के प्रस्ताव आए लेकिन इनका नियमित फाॅलोअप नहीं होने के कारण वे मैदान पर नहीं उतर सके।

उन्होंने बताया कि जबलपुर संभाग का 20 वर्ष का औद्योगिक मास्टर प्लान भी बनाया जाए। लंबित औद्योगिक योजनाओं को शीघ्र शुरू किया जाए। उनका कहना था कि 22 करोड़ की लागत से रेडीमेड कॉम्प्लेक्स में लगी डेनिम डाइंग प्लांट की मशीनें पर्यावरण एनओसी नहीं मिलने से जंग खा रही हैं इनको शीघ्र शुरू किया जाए।

जबलपुर में मिष्ठान्न एवं नमकीन क्लस्टर और फर्नीचर एवं टिम्बर पार्क को प्रारंभ किया जाए। जबलपुर के डिफेंस क्लस्टर को चालू किया जाए। इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में जबलपुर के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्थापना की घोषणा की गई थी।

डिफेंस क्लस्टर(पीएम द्वारा), पेट्रोलियम काॅम्प्लेक्स (पेट्रोलियम मंत्री द्वारा) मगर इसमें अभी तक कुछ नहीं किया गया, इनको भी शुरू किया जाए। एक जिला एक उद्योग के तहत जबलपुर में मटर प्रोसेसिंग जोन बनाया जाए।

नये रिंग रोड में एग्रीकल्चर उद्योग के लिए इंडस्ट्रियल हब बनाया जाए। स्टार्टअप के लिए स्टार्टअप भवन का निर्माण हो। प्रेस वार्ता में चैंबर के चेयरमैन कमल ग्रोवर, राधेश्याम अग्रवाल, अजय अग्रवाल, बलदीप सिंह मैनी, ज्ञानेन्द्र सिंह, शशिकांत पांडेय, उमेश ग्रावकर आदि उपस्थित थे।

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