जबलपुर: बिजली कंपनियों में मैनपॉवर की कमी बड़ी समस्या

  • उपभोक्ताओं का समय पर नहीं हो रहा परेशानियों का समाधान
  • दुर्घटना होने पर मेडल नहीं समुचित उपचार चाहिए।
  • बिजली कंपनी में करीब 50 हजार आउटसोर्स कर्मियों से काम लिया जा रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-22 12:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बिजली कंपनियों में पिछले 14 सालों से लगातार मैनपाॅवर की अत्यधिक कमी है। विद्युत कंपनियों से जानकार एवं अनुभवी सहायक लाइनमैन, लाइनमैन, लाइन इंस्पेक्टर एवं लाइन सुपरवाइजर सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं, मगर कंपनियों के प्रबंधन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कर्मियों की कमी के चलते बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर समाधान भी नहीं किया जा रहा है। मप्र विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के 55 जिलों में मैनपाॅवर की कमी बहुत जटिल समस्या बनती जा रही है।

सेवानिवृत्त हो रहे नियमित कर्मचारियों के स्थान पर नियमित कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है। काॅस्ट कटिंग के चक्कर में कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा पूरा सिस्टम तहस-नहस कर दिया गया।

50,000 आउटसोर्स कर्मियों की कर ली भर्ती

बिजली कंपनी में करीब 50 हजार आउटसोर्स कर्मियों से काम लिया जा रहा है। संघ का कहना है कि इनके साथ अन्याय और शोषण किया जा रहा है एवं मानव अधिकारों का हनन व श्रम नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

इतना ही नहीं कंपनी प्रबंधन उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को निष्पक्ष और बिना भेदभाव के पुरस्कृत तो करना चाहता है, लेकिन उनकी समस्याओं तथा माँगों पर बात करना नहीं चाहता। संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों को पुरस्कार नहीं जॉब की सुरक्षा चाहिए।

दुर्घटना होने पर मेडल नहीं समुचित उपचार चाहिए। उन्हें विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त कार्य करने पर नियमानुसार एक्स्ट्रा वेजेस चाहिए। परिवार और मानसिक शांति के लिए अवकाश चाहिए।

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