Jabalpur News: ट्रेनों में भीड़, गंतव्य तक पहुँचने स्टेशन पर यात्रियों ने डाला डेरा

  • त्योहार में घर जाने की जल्दी, किसी भी ट्रेन का सफर हो रहा मंजूर, शक्तिपुंज में ज्यादा भीड़
  • रेलवे स्टेशन इन दिनों परेशान और बेहाल रेल यात्रियों के लिए एक पनाहगार भी साबित हो रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-26 08:56 GMT

Jabalpur News: धनतेरस और दीपावली त्योहार में अपने-अपने घर पहुँचने की ललक के बीच इन दिनों यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर भीड़ देखते ही बन रही है। हालात ये हैं कि अपने गंतव्य तक जाने की फिराक में यात्री देर रात तक ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं।

भीड़ प्लेटफाॅर्म से लेकर स्टेशन के बाहर तक देखी जा सकती है। खासकर बाहर से आने वाले श्रमिक वर्गों का डेरा ज्यादा देखा जा रहा है, जो शक्तिपुंज एक्सप्रेस के इंतजार में देर शाम से ही स्टेशन पर यहाँ-वहाँ बैठा नजर आता है। यह भी कहा जा सकता है कि रेलवे स्टेशन इन दिनों परेशान और बेहाल रेल यात्रियों के लिए एक पनाहगार भी साबित हो रहा है।

गाैरतलब है कि सुदूर अंचलों से अपने कार्य व मजदूरी के लिए अन्य राज्यों व शहरों में जाने वाला श्रमिक वर्ग बड़ी संख्या में दीपावली के मौके पर अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो रहा है। एक्सप्रेस के साथ ही लोकल ट्रेनों के फुल होने के कारण यात्रियों को रिजर्वेशन तो छोड़ो जनरल बोगी तक में बैठने की जगह नहीं मिल पा रही।

जिसके चलते ये यात्री स्टेशन को ही अपनी पनाहगार बनाए हुए हैं और देर रात गुजरने वाली ट्रेनों में अपनी सुविधा के हिसाब से सफर कर रहे हैं। इन दिनों जबलपुर स्टेशन के बाहर भारी भीड़ के सर्वाधिक यात्री सिंगरौली की ओर जाने वाले हैं जो रात 11 बजे शक्तिपुंज एक्सप्रेस का इंतजार करते हैं।

यह ट्रेन जबलपुर से चलकर सिंगरौली होते हुए हावड़ा जाती है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में इस वर्ग के लोग सवार होकर खन्ना बंजारी, ब्यौहारी, बरगवाँ, मडवास ग्राम, विजय सोता, सिंगरौली, चाैपन, रेनुकूट, पतरातु सहित आसपास के अन्य स्टेशनों तक जाते हैं।

सबसे आसान सफर है शक्तिपुंज

स्टेशन के बाहर भीड़ में एकत्र श्रमिक वर्गों के लोगों का मानना है कि गंतव्य तक जाने के लिए उनका सबसे आसान सफर शक्तिपुंज एक्सप्रेस है। इसमें बैठने के लिए काफी जगह मिलने के साथ ही उनके गाँव के स्टेशनों पर इसका स्टाॅपेज भी होता है। इस ट्रेन के सफर में उन्हें ज्यादा दिक्कतें नहीं आतीं, इसलिए शाम से लेकर रात तक स्टेशन के बाहर बैठकर इस ट्रेन के रवाना होने का इंतजार करते हैं।

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